MP के मनोचिकितसक ने दर्ज की आपत्ति
राजधानी भोपाल के निजी अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी ने फिल्म ‘मेंटल है क्या’ के टाइटल नेम और पोस्टर को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्ति जताते हुए कहा कि, ‘फिल्म के शीर्षक और पोस्टर्स को लेकर मुझे समस्या इस बात की है कि, ये मानसिक रोगों के प्रति एक केजुअल एटिट्यूड बढ़ा रहा है। जबकि, ये एक बड़ा ही गंभीर विषय है, लेकिन इस शब्द के आम होने के बाद लोग किसी भी मानसिक रोगी पर इस शब्द के ज़रिये छीटाकशी करने लगेंगे।’ वहीं फिल्म के पोस्टर्स को लेकर उन्होंने कहा कि, जैसे जैसे फिल्म के पोस्टर सामने आए, हमने देखा कि, उनमें काफी सेलफाम का यूज किया गया है। पोस्टर्स में ऐसे मेथर्ड्स दिखाए जा रहे हैं, जिसमें कुछ सेलफाम किया जा रहा है। ये किसी मनोरोगी के लिहाज से बड़ी चिंता का विषय है। त्रिवेदी ने, मीडिया सरकार और सेंसर बोर्ड से अपील की है कि, इसपर ध्यानाकर्षण करें। क्योंकि, इसका जो डेमेजिंग इफेक्ट है वो प्रत्यक्ष रूप से नहीं समझ आता, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से इनका डेमेजिंग इफेक्ट काफी ज्यादा है।
पहले भी हो चुका है विरोध
इससे पहले भी फिल्म के टाइटल को लेकर कई मनोचिकित्सक विरोध कर चुके हैं। इस फिल्म के टाइटल और पोस्टर के विरोध में उतरे देशभर के मनोचिकित्सकों का कहना है कि मेंटल शब्द और इसके बोलने का अंदाज मानसिक रोग की पीड़ा झेल रहे लोगों का मजाक उड़ाता हुआ प्रतीत होता है। मनोचिकित्सकों का मानना है कि, फिल्म के जरिये मानसिक स्वास्थ्य देखभाल कानून-2017 की धाराओं का उल्लंघन किया जा रहा है। डॉक्टरों को आपत्ति है कि फिल्म के टाइटल के जरिए मनोरोग और मनोरोगियों को अपमानजनक, भेदभावपूर्ण और अमानवीय तरीके से पैश किया जा रहा है।
क्या कहते हैं देश के मनोचिकित्सक
इधर, इंडियन साइकेट्री सोसायटी भी फिल्म के कंटेंट को लेकर आपत्ति जता चुकी है। साथ ही उन्होंने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) को पत्र लिखकर कहा है कि, फिल्म के पोस्टरों के जरिये मनोरोग को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। इस दौरान मेंटल हैल्थ पॉलिसी के चेयरमेन व एसएमएस मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्ष (साइकेट्री) डॉ.आर.के.सोलंकी ने मीडिया बातचीत में बताया कि, फिल्म का टाइटल बदलना चाहिए, जिससे मानसिक रोगियों पर किसी तरह का बुरा प्रभाव न पड़े। उन्होंने ये भी कहा कि, देश के हर नागरिक के लिए मानसिक स्वास्थ्य देखभाल कानून 2017 का पालन करना आवश्यक है और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरुक होना बेहद ज़रूरी है।
कंगना की बहन ने संभाला मैदान
हालांकि, फिल्म पर बढ़ते विवाद को देखते हुए कंगना रानौत ने सभी से फिल्म देखने के बाद किसी नतीजे पर पहुंचने की अपील की है, तो वहीं कंगना की बहन रंगोली भी उनके बचाव में आ चुकी हैं।उन्होंने अपनी ओर से जारी एक ट्वीट में कहा कि, कंगना की ओर से मैं सभी से ये कहना चाहती हूं कि, सभी को फिल्म ‘मेंटल है क्या’ देखने के बाद उनपर गर्व होगा। उन्होंने जो विषय चुना है, उससे इस टैबू के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ेगी और लोग इस बारे में खुलकर बात कर सकेंगे।
क्वीन के बाद एक बार फिर साथ नजर आएंगे कंगना और राव
बता दें कि, फिल्म क्वीन के बाद मेंटल है क्या में राजकुमार राव और कंगना रनौत की जोड़ी एक बार बड़े पर्दे पर दिखाई देगी। पहले फिल्म के लिए करीना कपूर को कास्ट किया गया था, लेकिन बाद में खबरे आईं कि, उन्होंने फिल्म में बोल्ड कंटेंट को देखते हुए इसे करने से मना कर दिया था। इधर प्रोडक्शन टीम को इस स्थान पर कंगना को कास्ट करने का निर्णय लिया क्योंकि, उनकी पिछली फिल्म मणिकर्णिका को बॉक्स ऑफिस पर अच्छा खासा रिस्पांस मिला था, वही राजकुमार राव की पिछली फिल्म स्त्री ने भी देशभर में 100 करोड़ से अधिक कलेक्शन किया था, इसलिए ये दोनो एक्टर्स फिल्म के लिए चुने गए। फिलहाल, फिल्म की रिलीज डेट 21 जून 2019 बताई गई है।
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