भोपाल

आधार और पैन नंबर दर्ज करते ही संपति आपकी, विदेश में रहकर भी भारत में कर सकते हैं रजिस्ट्री

Property Registry in India: मध्य प्रदेश में संपदा 1.0 लागू होने के बाद रजिस्ट्रीकरण व स्टाम्प अधिनियम संशोधित किए थे। वाणिज्यिक कर विभाग ने अब इसके नियम संशोधित कर इन्हें लागू करने की प्रक्रिया तय कर दी है। नए नियमों में ऑनलाइन व्यक्ति व प्रॉपर्टी की पहचान होगी।

भोपालOct 05, 2024 / 10:40 am

Sanjana Kumar

अब नहीं पड़ेगी कागज या दस्तावेज की जरूरत. आ गई पेपरलेस रजिस्ट्री की नई व्यवस्था.

Property Registry in India Easy from Abroad: अब प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराते समय कोई दस्तावेज लगाने की जरूरत नहीं होगी। खरीदार और विक्रेता को पहचान के लिए पहचान पत्र और जमीन के खसरे, नक्शे लगाने की जरूरत नहीं होगी। उन्हें आधार या पैन नंबर बताने के साथ खसरा नंबर या प्रॉपर्टी का यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर बताना होगा।
इससे सब रजिस्ट्रार संपदा-2.0 के जरिए ऑनलाइन पूरी जानकारी निकालेंगे, सत्यापित करेेंगे। विदेश में बैठा व्यक्ति भी प्रदेश में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करा सकेगा। 9 अक्टूबर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव संपदा-2.0 को लॉन्च करेंगे। आइजी पंजीयन की मानें तो अभी गुना, रतलाम, डिंडोरी, हरदा जिले में पायलट प्रोजेट के तहत यह सुविधा है। 9 अक्टूबर से पूरे प्रदेश को मिलने लगेगी। रजिस्ट्रीकरण नियमों में संशोधन किया है। नोटिफिकेशन भी हो चुका है।

ऐसी व्यवस्था

प्रदेश में संपदा 1.0 लागू होने के बाद रजिस्ट्रीकरण व स्टाम्प अधिनियम संशोधित किए थे। वाणिज्यिक कर विभाग ने अब इसके नियम संशोधित कर इन्हें लागू करने की प्रक्रिया तय कर दी है। नए नियमों में ऑनलाइन व्यक्ति व प्रॉपर्टी की पहचान होगी। क्रेता और विक्रेता की पहचान आधार और पैन नंबर से ई-केवायसी की व्यवस्था है। ये नंबर बताने पर पूरी डिटेल यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया से मिलेगी। बायोमेट्रिक रिकॉर्ड से सत्यापन होगा।

ये फायदे

पहचान और जमीन के फर्जी दस्तावेज लगाना संभव नहीं होगा। एक ही जमीन की कई लोगों को रजिस्ट्री नहीं हो पाएगी। रजिस्ट्री कराने के लिए बिचौलिए की जरूरत नहीं पड़ेगी। लोन लेने में आसानी, रजिस्ट्री नंबर बताने और ई- केवाईसी से लोन मिलेगा। रजिस्ट्री के समय सभी को सब रजिस्ट्रार ऑफिस नहीं जाना होगा।

यूएलपीआइएन से जुड़ा लैंड रिकॉर्ड

रजिस्ट्री के समय जमीन का खसरा, नक्शा नहीं मांगा जाएगा। राजस्व विभाग ने केंद्र के यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन स्कीम में मप्र का लैंड रिकॉर्ड दिया है। प्रॉपर्टी को यूएलपीआइएन नंबर मिले हैं। नंबर, खसरा नंबर बताने पर सब रजिस्ट्रार रिकॉर्ड निकालेंगे। रिकॉर्ड मैच न करने पर रजिस्ट्री नहीं होगी।

विदेश से वीडियो के जरिए रजिस्ट्री

नए नियमों में ई-साइन और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा भी है। यदि कोई विदेश में है और प्रदेश में रजिस्ट्री कराना है तो वे संपदा-2.0 में विवरण भरकर ऑनलाइन स्लॉट बुक करेंगे। चुने विकल्प के आधार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की लिंक भेजी जाएगी। यह लिंक केवल स्लॉट में तय समय पर खुलेगी।
इससे सभी पक्षकार और सब रजिस्ट्रार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ेंगे। सब रजिस्ट्रार पूरी जानकारी लेकर आधार-पैन के आधार पर ई-केवाइसी करेंगे और सर्वर से दस्तावेज निकालेंगे। वीसी में सभी पक्षकारों की सहमति लेकर आधार के जरिए ई-साइन कराएंगे और रजिस्ट्री होगी। उन्हें रजिस्ट्री की कॉपी ऑनलाइन मिल जाएगी।

रजिस्ट्री आसान

रजिस्ट्री प्रक्रिया आसान बनाई गई है। डिजिटाइज्ड के नए नियम बनाए हैं। नोटिफिकेशन भी हो गया है।

– एम सेलवेंद्रन, आइजी, पंजीयन

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