शहर में चार स्थानों पर स्मार्ट पार्किंग हैं। नगर निगम का दावा है कि इनसे न केवल पार्किंग व्यवस्था में सुधार होगा बल्कि वाहनों की सुरक्षा भी बेहतर तरीके से की जा सकेगी। इसके संचालन का जिम्मा एक निजी कंपनी के पास है। जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण यहां लापरवाही हो रही है।
वाहन पार्क करने के दौरान पर्ची तो मिलती है लेकिन इसमें पूरी जानकारी नहीं है। वहीं दूसरी ओर सबसे बड़ी लापरवाही ये सामने आई पर्ची दिखाए बिना वाहन कोई भी ले जाए इससे यहां तैनात कर्मचारियों को कोई मतलब ही नहीं है। इतने इंतजाम के बाद भी वाहन सुरक्षित हैं।
अवैध पार्किंग पर नहीं हो रही कार्रवाई मल्टीलेवल पार्किंग के बावजूद लोग तय स्थान के बजाय कहीं भी वाहन पार्क कर देते हैं। इससे ट्रैफिक जाम हो जाता है। साथ ही पैदल चलने वाले राहगीरों को परेशानी होती है। इन इलाकों के निवासियों और दुकानदारों को भी दिक्कत आती है। ऐसा ही मामला होशंगाबाद रोड पर देखने को मिला।
यहां मुख्य मार्ग के दोनों ओर सर्विस लेन बनाई गई है। आशिमा मॉल के आसपास बड़ी संख्या में दुकानें हैं। यहां अपने वाहनों से लोग घूमने-खरीददारी करने आते हैं। यहां पार्किंग व्यवस्था न होने से जिसे जहां जगह मिलती है, वह अपने वाहन वहीं पार्क कर देता है। इससे जगह-जगह जाम की स्थिति बन जाती है। यहां सर्विस लेन बनाने का मकसद मुख्य मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव कम करना था।
लेकिन वाहन चालकों की लापरवाही से यहां भी व्यवस्था गड़बड़ा गई है। अगर किसी को दो मिनट का काम हो तो वह सड़क पर ही गाड़ी खड़ी कर देता है। ऐसे में वहां तैनात ट्रैफिक पुलिस क्रेन की मदद से वाहन जब्त कर लेती है।