गौरतलब है कि सरकार ने प्लांट लगाने के लिए पांच बार टेंडर निकाले, लेकिन पोषण आहार सप्लायरों के दबाव के कारण बिडर प्लांट लगाने को तैयार नहीं हो रहे थे। अब सरकार की सख्ती के बाद पांचवें टेंडर में प्लांट लगाने पर निर्णय हो पाया है। प्लांट लगाने के लिए एमपी एग्रो को नोडल एजेंसी बनाया है। वहीं, राज्य आजीविका मिशन को इसके संचालन का जिम्मा दिया जाएगा। मिशन स्व-सहायता समूहों से आठों प्लांट में पोषण आहार उत्पादन करेगा। आठों जगह शेड और गोदाम आदि पहले ही बनाए जा चुके हैं, जिनमें मशीनें लगाई जाना है।
अगस्त का लक्ष्य
पोषण आहार वितरण की वर्तमान व्यवस्था पांच महीने के लिए है। यह अवधि अगस्त में पूरी हो रही है। इसके अगस्त-सितंबर तक यानी आचार संहिता के पहले नई व्यवस्था बनाना चाहती है, लेकिन महिला बाल विकास विभाग, एमपी एग्रो और पोषण आहार सप्लायर अडंगा लगा रहे हैं।
पोषण आहार वितरण की वर्तमान व्यवस्था पांच महीने के लिए है। यह अवधि अगस्त में पूरी हो रही है। इसके अगस्त-सितंबर तक यानी आचार संहिता के पहले नई व्यवस्था बनाना चाहती है, लेकिन महिला बाल विकास विभाग, एमपी एग्रो और पोषण आहार सप्लायर अडंगा लगा रहे हैं।
हर महीने 16 हजार टन बनेगा आहार
शिवपुरी, मंडला, सागर, देवास, धार, रीवा और होशंगाबाद में 2500 टन पोषण आहार प्रति माह उत्पादन क्षमता के प्लांट लगाए जाएंगे। वहीं, होशंगाबाद में 600 टन और रायसेन के बाड़ी में 400 टन प्रति माह क्षमता के प्लांट लगाए जाएंगे। आठों प्लांट ऑटोमेटिक होंगे। इनमें रेसिपी पॉवडर और खिचड़ी मिक्स तैयार किया जाएगा। इन प्लांट में हर महीने 16 हजार टन पोषण आहर प्रति महीने तैयार किया जाएगा। टेंडर में पांच कंपनियों ने भाग लिया था।
शिवपुरी, मंडला, सागर, देवास, धार, रीवा और होशंगाबाद में 2500 टन पोषण आहार प्रति माह उत्पादन क्षमता के प्लांट लगाए जाएंगे। वहीं, होशंगाबाद में 600 टन और रायसेन के बाड़ी में 400 टन प्रति माह क्षमता के प्लांट लगाए जाएंगे। आठों प्लांट ऑटोमेटिक होंगे। इनमें रेसिपी पॉवडर और खिचड़ी मिक्स तैयार किया जाएगा। इन प्लांट में हर महीने 16 हजार टन पोषण आहर प्रति महीने तैयार किया जाएगा। टेंडर में पांच कंपनियों ने भाग लिया था।
तीन कंपनियां तकनीकी रूप से योग्य पाई गई हैं। इनको प्लांट लगाने काम दिया जाएगा। पोषण आहार उत्पादन का काम आजीविका मिशन करेगा।
रविंद्र चतुर्वेदी, जीएम, एमपी एग्रो
रविंद्र चतुर्वेदी, जीएम, एमपी एग्रो