भोपाल

लापरवाही – तालाब संरक्षण के नियमों की अनदेखी, 5 साल में सिर्फ एक बैठक, बर्बाद हो रहे तालाब

वेटलैंड अथॉरिटी की पांच साल में सिर्फ एक बैठक, इसी लापरवाही से बर्बाद हो रहे तालाब

भोपालOct 03, 2019 / 03:18 pm

KRISHNAKANT SHUKLA

लापरवाही – तालाब संरक्षण के नियमों की अनदेखी, 5 साल में सिर्फ एक बैठक, बर्बाद हो रहे तालाब

प्रवेंद्र तोमर, भोपाल/सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बड़ा-छोटा तालाब संरक्षण, विकास और प्रबंधन के लिए पांच साल पहले बनी वेटलैंड अथॉरिटी की अनदेखी से जल स्रोतों की सेहत बिगड़ रही है। अथॉरिटी के जिम्मे एफटीएल और कैचमेंट में निर्माण की निगरानी भी है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश की जल स्रोतों के लिए वर्ष 2013 में राज्य को अथॉरिटी बनाने को कहा था।

नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग ने नौ सितंबर 2014 को एप्को को राज्य वेटलैंड अधिकरण घोषित किया। इसका काम तालाब की क्षमता विकास, शोध, नेटवर्किंग, कम्युनिकेशन, जागरुकता और वित्तीय संसाधनों को बढ़ाना था। अथॉरिटी की पहली और आखिरी बैठक 20 मई 2015 को हुई। इसमें 13 सदस्य थे। तालाब संरक्षण के प्लान फाइलों से बाहर नहीं निकल सके। अथॉरिटी की अनदेखी से बैरागढ़ सर्किल के अंतर्गत आने वाले बड़े तालाब के खानूगांव, बेहटा, बोरवन में धड़ल्ले से कब्जे हो रहे हैं। आलीशान फार्म हाउस तन रहे हंै। खुद नगर निगम ने रिटेनिंग वॉल खड़ी कर दी है।

पानी की गुणवत्ता तक नहीं जांच रहे
अथॉरिटी को हर महीने तालाबों के पानी की गुणवत्ता जांचनी है। कुछ दिन झील संरक्षण प्रकोष्ठ से रिपोर्ट ली, फिर सब बंद हो गया। हर साल विसर्जन के बाद बड़ा तालाब के पानी की गुणवत्ता जांचनी है, जो नहीं हो रहा है।

 

अथॉरिटी पर सवाल
वेटलैंड अथॉरिटी की अनुमति बगैर तालाब में किसी तरह का निर्माण नहीं हो सकता है। इसके बावजूद तालाब के एफटीएल और कैचमेंट में करोड़ों की लागत से रिटेनिंग वॉल, बोट जेट्टी, एम्फी थियेटर और म्यूजिकल फाउंटेन का निर्माण हो गया। ताज्जुब है कि इस संबंध में वेटलैंड अथॉरिटी को जानकारी तक नहीं है। इसका खुलासा अक्टूबर 2017 में आरटीआई से प्राप्त जानकारी से हुआ।

सीधी बात – जीतेंद्र सिंह राजे, कार्यपालन संचालक, एप्को
– पांच साल पहले बनी वेटलैंड अथॉरिटी ने तालाबों के संरक्षण के लिए क्या काम किए?
– अथॉरिटी के संबंध में वर्ष 2017 में नया आदेश आया था। फरवरी 2019 में कमेटी गठित की है।
– वर्ष 2014 से 2017 तक अथॉरिटी ने तीन साल में क्या काम किए। निर्माण की अनुमति क्या एप्को को ही देना थी?
– आप 2014 का आदेश दिखाइए, (देखने के बाद) ये सुपरसीड हो गया है। हमारे पास फंड नहीं है।
– तालाब बर्बाद हो रहे ह।
– इसके लिए हमारे पास न पहले फंड था, न अब है।

वेटलैंड अथॉरिटी के पास बड़े और छोटे तालाब के संरक्षण व विकास की जिम्मेदारी है। पांच साल में कुछ नहीं किया गया। अथॉरिटी को ही यहां होने वाले निर्माण की अनुमति देना थी, लेकिन इनकी जानकारी के बगैर तालाब में रिटेनिंग वॉल, थियेटर, बोट जेट्टी का निर्माण हो गया।
– सुभाष सी. पांडेय, पर्यावरणविद्

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