भोपाल। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले को अंजाम देने वाले नीरव मोदी की पांच देशों में 637 करोड़ रुपए की संपत्ति भारत सरकार ने जब्त कर ली, लेकिन बहुत कम ही लोग जानते हैं कि गुजरात के रहने वाले नीरव मोदी का मध्यप्रदेश से भी कनेक्शन है। मोदी की एक कंपनी मध्यप्रदेश से भी अरबों रुपए के हीरे ले जा चुकी है। इसके अलावा भोपाल स्थित उनके शोरूम पर भी छापा मारकर हीरे-जवाहरात जब्त किए गए थे।
मोदी की सहयोगी कंपनी को मिला था हीरा खनन का ठेका
मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले की बक्सवाहा, बंदर डायमंड प्रोजेक्ट में रियो टिंटो नामक आस्ट्रेलियाई कंपनी को हीरे का भंडार खोजने का काम मिला था। यह नीरव मोदी की कंपनी फायर स्टोन कंपनी की ही सहयोगी कंपनी थी। यह दोनों मिलकर यहां काम कर रहे थे। यहां से निकलने वाले बेशकीमती हीरों की प्रदर्शनी मुंबई से लेकर विदेशों तक लगाई जाती थी।
15 साल पहले शुरू किया था काम
-2004 में रियो टिंटो ने मध्यप्रदेश के छतरपुर के बक्सवाहा, बंदर डायमंड प्रोजेक्ट में काम करना शुरू किया था। यह प्रोजेक्ट 2200 करोड़ की लागत वाला था।
रियो टिंटो कंपनी एक नजर में
-1930 से रियो टिंटो भारत में अस्तित्व में है।
-भारत में कंपनी की पहली परियोजना थी।
-मध्य प्रदेश में ऑस्ट्रेलिया से आया यह पहला निवेश (करीब 2,000 करोड़ रुपए का था।
-2002 में हीरे की खोज शुरू हुई।
-2003 में कंपनी को हीरे का बड़ा भंडार मिला था।
-रियो टिंटो ने 2007 में खजुराहो इन्वेस्टर्स समिट में हीरा खनन के लिए MP सरकार के साथ अनुबंध किया था।
-2004 में भी इसे खनन का काम मिल गया।
-पन्ना की खदानों से अभी सालभर में करीब 31 हजार कैरेट हीरा खनन हो रहा है।
-इन सब घटनाओं के बाद भी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने नीरव मोदी की पार्टनरशिप वाली बदनाम कंपनी को छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए न्यौता दिया था।
-बुंदेलखंड परियोजना बंदर शुरू की गई थी।
उमा भारती ने किया था कड़ा विरोध
नीरव मोदी की सहयोगी कंपनी रियो टिंटो की गड़बड़ियों के उजागर होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कड़ा विरोध किया था। उन्होंने इस कंपनी की जांच कराने की बात कही थी।
-रियो टिंटो के हीरा प्रोसेसिंग प्लांट बंदर प्रोजेक्ट का शुभारंभ 27 अक्टूबर 2009 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था।
-भारती ने कहा था कि भाजपा की केंद्र सरकार में वे कोयला और खनन मंत्री थी। तब इस कंपनी का इतिहास ब्लैक लिस्टेड कंपनी का था। इस कंपनी ने छतरपुर के बकस्वाहा में बड़ी संख्या में सागौन के पेड़ कटवाए और गरीब आदिवासियों पर प्रकरण लाद दिए गए।
मंत्री ने भी जताया था कंपनी पर शक
रियो टिंटो की गड़बड़ियों पर मध्यप्रदेश की जेल मंत्री कुसुम महदेले ने भी शंका व्यक्त की थी। क्योंकि कंपनी ने 8 साल तक प्रास्पेक्टिंग के बाद भी महज ढाई लाख रुपए के ही हीरे सरकारी खजाने में जमा किए और करोड़ों-अरबों रुपए के हीरे लेकर वह गुपचुप निकल गई थी।
-मंत्री ने बेशकीमती हीरों के गायब किए जाने का संदेह व्यक्त करते हुए कहा था कि इस पूरे मसले की जांच की जाना चाहिए। महदेले ने उस समय यह भी कहा था कि हीरा खनन परियोजना के नाम पर कुछ गड़बड़ी तो हुई है।
-मेहदेले ने कहा था कि सरकार ने जब लीज नहीं बढ़ाई, तो प्रोजेक्ट समेट लिया, जो उनसे ले जाते बना वो ले गए, लेकिन जांच की जाएगी।
बीस हजार करोड़ रुपए का था भंडार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक क्षेत्र का हीरा भंडार 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक का था। उस वक्त रियो टिंटो 8 सालों तक प्रास्पेक्टिंग के लिए बोरिंग और अन्य उपकरणों से खुदाई करती रही, लेकिन प्रोजेक्ट बंद करने के ऐलान के बाद पन्ना के हीरा कार्यालय में उसने सिर्फ ढाई लाख रुपए कीमत के ही 27 सौ कैरेट के हीरे जमा कराए।
मध्यप्रदेश में कई शहरों में हैं शोरूम
नीरव मोदी की कंपनी गीतांजलि समूह पर आयकर विभाग ने फरवरी 2018 में कई स्थानों पर छापे मार कर करोड़ों के हीरे और जेवरात जब्त किए थे। इसके अलावा नीरव के ही नक्षत्र ज्वेलर्स के भी कई शोरूम हैं, जिन पर भी छापे की कार्रवाई हो चुकी है। 18 फरवरी को भोपाल में नक्षत्र ज्वेलर्स पर छापा मारा था।