केन-बेतवा लिंक परियोजना से मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र की तस्वीर व तकदीर बदलेगी। परियोजना से किसानों को ङ्क्षसचाई के लिए भरपूर जल मिलेगा। पेयजल और उद्योगों के लिए भी पर्याह्रश्वत पानी उपलब्ध होगा। क्षेत्र के आर्थिक, सामाजिक विकास के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार भी बढ़ेगा। दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय परियोजनाओं केनबेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजनाओं से सिंचाई रकबे में वृद्धि होगी। 2003 में जहां मध्यप्रदेश का सिंचाई रकबा तीन लाख हेक्टेयर था, जो अब 50 लाख हेक्टेयर हो गया। प्रदेश की सिंचाई परियोजनाओं से वर्ष 2025-26 तक सिंचाई का रकबा 65 लाख हेक्टेयर होने की संभावना है। सरकार ने 2028-29 तक इसे एक करोड़ हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
मध्यप्रदेश के 10 जिलों को लाभ
परियोजना से मध्यप्रदेश के 10 जिले छतरपुर, पन्ना, दमोह, टीकमगढ़, निवाड़ी, शिवपुरी, दतिया, रायसेन, विदिशा एवं सागर को लाभ मिलेगा। दो हजार गांवों के करीब 7 लाख 18 हजार किसान परिवार लाभान्वित होंगे। 10 जिलों की 44 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा मिलेगी। 103 मेगावॉट विद्युत उत्पादन भी होगा। बुंदेलखण्ड में भूजल स्तर में सुधार, औद्योगीकरण, निवेश एवं पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इससे स्थानीय स्तर पर लोग आत्मनिर्भर होंगे।यूपी को भी फायदा
इस परियोजना से उत्तरप्रदेश में 59 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वार्षिक ङ्क्षसचाई सुविधा होगी एवं 1.92 लाख हेटेयर क्षेत्र में मौजूदा ङ्क्षसचाई का स्थिरीकरण किया जाएगा। इससे उत्तरप्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर एवं बांदा जिलों में ङ्क्षसचाई सुविधा प्राह्रश्वत होगी। परियोजना से मध्यप्रदेश की 44 लाख एवं उत्तरप्रदेश की 21 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा मिल सकेगी।6 बांध बनेंगे
डाक टिकट व सिक्का भी…
प्रधानमंत्री मोदी देश की पहली ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का लोकार्पण और 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन करेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की स्मृति में डाक टिकट और सिक्का भी जारी करेंगे।ऐसी सबसे बड़ी परियोजना
केन-बेतवा लिंक परियोजना, देश में भूमिगत दाबयुक्त पाइप सिंचाई प्रणाली अपनाने वाली सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है। मध्यप्रदेश के छतरपुर व पन्ना में केन नदी पर तैयार हो रही है। पन्ना रिजर्व में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचाई एवं 2.13 किमी लंबाई के दौधन बांध एवं दो टनल (अपर लेवल 1.9 कि.मी. एवं लोअर लेवल 1.1 किमी) का निर्माण कर बांध में 2,853 मिलियन घन मीटर जल भंडारण होगा।
केन नदी पर दौधन बांध से 221 किमी लंबी लिंक नहर के द्वारा दोनों राज्यों में ङ्क्षसचाई एवं पेयजल की सुविधा देते हुए केन नदी के अधिशेष जल को बेतवा नदी में डाला जाएगा।
परियोजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मध्यप्रदेश और उार प्रदेश के मुयमंत्री एवं केंद्रीय जल शित मंत्री के बीच 22 मार्च 2021 को सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिलों में चंदेलकालीन 42 तालाबों का जीर्णोद्धार होकर वर्षाकाल में जलभराव होगा, जिससे ग्रामीणों को लाभ होगा।