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भोपाल

Monsoon visit Places: अमेरिका के ‘नेशनल पार्क’ से कम नहीं ‘भारत’ की ये जगह, मानसून में आते हैं लाखों टूरिस्ट

Bhimbetka Rock Shelters MP: आपने अमेरिका का ब्राइस कैनियन नेशनल पार्क को सुना ही होगा, यहां पर पहाड़ जैसे ऊंचे -ऊंचे पत्‍थर को देखकर किसी को भी हैरत हो सकती है। भारत में भी एक ऐसी जगह है।

भोपालJun 20, 2024 / 02:15 pm

Astha Awasthi

Bhimbetka Rock Shelters

Bhimbetka Rock Shelters

Bhimbetka Rock Shelters MP: इस दुनिया में ऐसे कई अजूबे हैं, जहां जाने के बाद एक अलग ही दुनिया का आभास होता है। आपने देश-विदेश के कई पर्यटक स्‍थलों के बारे में सुना होगा लेकिन आज हम आपको ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप कभी भी नहीं गए होंगे।
आपने अमेरिका का ब्राइस कैनियन नेशनल पार्क को सुना ही होगा, यहां पर पहाड़ जैसे ऊंचे -ऊंचे पत्‍थर को देखकर किसी को भी हैरत हो सकती है। ऐसा लगता है मानो इन पत्थरों पर कुदरत ने स्‍वयं नक्काशी की हो। कुदरत की इस खूबसूरती को देखने के लिए कई देशों से लोग यहां पहुंचते हैं, सेकिन अगर आप अमेरिका नहीं जा सकते हैं तो आप इन पत्थरों को भारत में ही देख सकते हैं।
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लोग इसे “भारत का अमेरिका” कहते हैं। कहने का मतलब है कि अगर आप इस खूबसूरती को देखना चाहते हैं, तो विदेश जाने की जरूरत नहीं है। इसके लिए आपको बस मध्‍यप्रदेश की यात्रा करनी होगी। प्रदेश का भीमबेटका अपनी गुफाओं के लिए फेमस है। ये एमपी के रायसेन जिले में स्थित है। यहां पर हजारों साल पुरानी गुफाएं मौजूद है जो यहां के प्राचीन इतिहास की गवाही देती है। कहा जाता है कि ये वो ही जगह है जहां पर पांडवो ने अज्ञातवास काटा था।

भीमबेटका ‘भारत का अमेरिका’ ​

मध्‍यप्रदेश के सबसे पॉपुलर ट्रेवल डेस्टिनेशन को भीमबेटका के नाम से जाना जाता है। अगर आप देखेंगे तो वहां की गुफाएं एकदम अमेरिका के ब्रायस कैनयन नेशनल पार्क की तरह हैं। भीमबेटका को रॉक शेल्टर के नाम से भी जानते हैं। इस जगह की खोज साल 1957 में आर्कियोलॉजिस्ट डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर ने की थी, जिसके बाद इसे अतिप्राचीन बस्ती की तस्दीक होने के बाद 2003 में यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में शामिल कर लिया था।
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क्यों कहा जाता है भीमबेटका

आदिमानवों की ये बस्ती रातापानी वन्यजीव अभयारण्य के अंदर विंध्य रेंज की चट्टानों में स्थित है। वहीं इस जगह को भीमबैठका कहने के पीछे की वजह ये है कि यहां पर पांडवों ने अपना अज्ञातवास काटा था. पांडवों में भीम सबसे भारी थे. इसलिए ही इस जगह को भीमबेटका कहा जाना लगे। इस जगह पर विलुप्त इंसानी दुनिया का प्रमाणित दस्तावेज़ है. जोकि भारत की सबसे पुरानी बस्ती है.आदिमानव की ये बस्ती करीब एक लाख साल पहले बसाई गई थी.
इसके अलावा कुछ कुछ इतिहासकार बताते हैं कि आठ हज़ार साल पहले आदिमानव ने खेती करना और जानवरों को पालना शुरू किया और जो कुछ उन्होंने देखा उसमें से कई चीजों को यहां बना दिया।यहां कुल 760 चट्टानें हैं, जिन पर छोटी बड़ी सभी आकार की पेंटिंग बनी हैं। वैसे तो ये धुंधली सी दिखती हैं, लेकिन जब इन पर सूर्य की रोशनी पड़ती है, तब इन्‍हें देखना आसान और दिलचस्‍प होता है।

कैसे पहुंचे भीमबेटका (How to reach Bhimbetka)

ट्रेन से- भीमबेटका का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन भोपाल है। भोपाल स्टेशन से भीमबेटका की दूरी 37 किमी है। रेलवे स्टेशन के बाहर से आपको भीमबेटका के लिए आसानी से टैक्सी या प्राइवेट कार किराए पर मिल जाएंगी।
फ्लाइट से- भीमबेटका का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट भोपाल का राजा भोज एयरपोर्ट है। एयरपोर्ट से भीमबेटका की दूरी लगभग 45 किमी है। एयरपोर्ट से भी आपको कैब या टैक्‍सी रेंट पर मिल जाएगी।

सड़क मार्ग से- आप चाहें, तो अपने वाहन से भी भीमबेटका जा सकते हैं। भोपाल से इसकी दूरी कुल 46.3 किमी है।

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