भोपाल

Pitru Paksha 2023: 29 सितंबर से पितृ पक्ष, जानें श्राद्ध की तिथियां और पितृ तर्पण के नीति-नियम

Pitru Paksha 2023: शास्त्रों के मुताबिक पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्रपद महीने की पूर्णिमा तिथि से होता है और अश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर यह पक्ष संपन्न हो जाता है। यहां हम आपको बता रहे हैं पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां और पितृ तर्पण के नियम…

भोपालSep 15, 2023 / 06:27 pm

Sanjana Kumar

Pitru Paksha 2023: सनातन धर्म में पितृ पक्ष अपने पितरों यानी पूर्वजों को समर्पित माना गया है। इस बार यह पितृ पक्ष 29 सितंबर से शुरू हो रहा है। इस पूरे पक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म किया जाता है। शास्त्रों के मुताबिक पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्रपद महीने की पूर्णिमा तिथि से होता है और अश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर यह पक्ष संपन्न हो जाता है। यहां हम आपको बता रहे हैं पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां और पितृ तर्पण के नियम…

ज्योतिषाचार्य पं. जगदीश शर्मा कहते हैं कि पौराणिक मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान श्रद्धापूर्वक श्राद्ध कर्म करने से और पितरों को तर्पण करने से उन्हें मोक्ष मिलता है। इसीलिए कहा जाता है कि पितृ पक्ष में पितरों के लिए पूरी आस्था और सम्मान के साथ तर्पण नियम विधि-विधान से करने चाहिएं।

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ये हैं पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां

– 29 सितंबर 2023 शुक्रवार पूर्णिमा श्राद्ध

– 29 सितंबर 2023 शुक्रवार प्रतिपदा श्राद्ध

– 30 सितंबर 2023 शनिवार द्वितीया श्राद्ध

– 01 अक्टूबर 2023 रविवार तृतीया श्राद्ध

– 02 अक्टूबर 2023 सोमवार चतुर्थी श्राद्ध

– 03 अक्टूबर 2023 मंगलवार पंचमी श्राद्ध

– 04 अक्टूबर 2023 बुधवार षष्ठी श्राद्ध

– 05 अक्टूबर 2023 गुरुवार सप्तमी श्राद्ध

– 06 अक्टूबर 2023 शुक्रवार अष्टमी श्राद्ध

– 07 अक्टूबर 2023 शनिवार नवमी श्राद्ध

– 08 अक्टूबर 2023 रविवार दशमी श्राद्ध

– 09 अक्टूबर 2023 सोमवार एकादशी श्राद्ध

– 11 अक्टूबर 2023 बुधवार द्वादशी श्राद्ध

– 12 अक्टूबर 2023 गुरुवार त्रयोदशी श्राद्ध

– 13 अक्टूबर 2023 शुक्रवार चतुर्दशी श्राद्ध

– 14 अक्टूबर 2023 शनिवार सर्व पितृ अमावस्या

पितृ तर्पण के नियम

ज्योतिषाचार्य का कहना है कि पितृ तर्पण करते समय निश्चित नियमों का पालन करना जरूरी है। विधिवत आहुति देना, शुद्ध और सात्विक भोजन का सेवन करना और तपस्या और दान करना चाहिए। पितृ पक्ष में दान करना भी महत्वपूर्ण है। आप अपने पूर्वजों के नाम पर अन्न, वस्त्र, धन, यात्रा या किसी अन्य चीज का दान कर सकते हैं।

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