आरटीआई एक्टिविस्ट प्रशांत वैश्य ने भी इस मामले में आवेदन दायर किया है। उनका भी मानना है कि यह अस्पताल गिराने योग्य है। एक्टिविस्ट प्रशांत का कहना है कि अस्पताल का निर्माण नियमों के उल्लंघन और अनियमितताओं के आधार पर किया गया है। उन्होंने अस्पताल के मालिकों पर नियमों का उल्लंघन करते हुए अनियमित निर्माण कराने के बड़े आरोप लगाए है। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि नगर निगम से पूर्णता प्रमाणपत्र न मिलने के बाद भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने अस्पताल संचालन के लिए पंजीयन जारी कर दिया था।
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