इस चार हेक्टेयर जमीन में से लाल पत्थर का उत्खनन भी हो गया। जब शिकायतें हुई तो इस बात का भी उल्लेख हुआ। लेकिन किसी जिम्मेदार ने इसे रोकने की कोशिश ये गतिविधियां बाघों के लिए बड़ा खतरा
बन सकती हैं।
एचपी सिंह, जिला खनिज अधिकारी खदान को एनओसी जारी करने की क्या प्रक्रिया होती है?
आवेदन आने के बाद तहसील, फॉरेस्ट, ग्राम पंचायत को पत्र लिखते हैं। फिर प्रदूषण विभाग सिया के माध्यम से अनुमति देते हैं, इसके बाद विभाग अनुमति देता है।
केरवा के बैक वॉटर में, जंगल मद की भूमि पर खदान आवंटित कर दी गई, विभाग को पता नहीं चला?
हमारे पास सभी जगह की अनुमति थी, फिर सिया ने भी अनुमति दी, तब पट्टा जारी किया।
बाघ मूवमेंट एरिया में विभाग एनओसी जारी करते रहे, अंतिम कार्य आपका था?
हां, हमारा विभाग लीज देता है, लेकिन अन्य विभागों की एनओसी थी तो हमने
भी दे दी।