दिवाली के अगले दिन स्वच्छता….1200 मिट्रिक टन कचरा पहुंचा आदमपुर
– सामान्य से करीब 300 मिट्रिक टन ज्यादा कचरा एकत्रित हुआ, पटाखों का कचरा थैली में पैक करवाकर लिया गया
दिवाली पर पटाखे फोडऩे के बाद बने कचरे ने आदमपुर में अचानक कचरे का आंकड़ा 300 मिट्रिक टन बढ़ा दिया। 1200 मिट्रिक टन कचरा खंती पहुंचा। हालांकि काफी कचरा अब भी एकत्रित होना बाकी है। ये आंकड़ा बढ़ सकता है। पटाखे का कचरा खुले ही कचरा वाहनों में डालने वालों को रोका भी गया। सोमवार सुबह जब कचरा वाहन घरों तक पहुंचे तो इसे कपड़े या अन्य थैली में पैक करके ही ये कचरा देने का कहा गया, ताकि निष्पादन स्थल पर इसे अलग से निकाल लिया जाए। अन्य कचरे में पटाखे का कचरा मिलकर परेशानी बना सकता है।
सोमवार सुबह शहर में सफाई कर्मचारी काम पर लगे रहे। सुबह जब कचरा वाहन घरों के सामने पहुंचे तो लोग अपने सामान्य कचरे के साथ ही पटाखों का कचरा भी देने लगे। इसपर ही कई क्षेत्रों में विवाद हुआ। कई में कचरा वाहन के चालकों ने किसी कैरी बेग में कचरे को रखकर उसे पूरी तरह बंद कर देने का कहा। कई लोगों ने इसे माना भी। दरअसल पटाखे के कचरे में बारूद होता है और इसमें अन्य कचरे के साथ आग लगने या विस्फोट से नुकसान की आशंका है। गीले कचरे से अभी जो खाद बनती है व सूखे कचरे से खाद बनाई जाती है उसमें भी ये बारूद मिला कचरा दिक्कत दे सकता है। इसलिए ही सभी एएचओ को निर्देश दिए थे कि पटाखों का कचरा अगल थैली में ही लें।
– सामान्य से करीब 300 मिट्रिक टन ज्यादा कचरा एकत्रित हुआ, पटाखों का कचरा थैली में पैक करवाकर लिया गया
दिवाली पर पटाखे फोडऩे के बाद बने कचरे ने आदमपुर में अचानक कचरे का आंकड़ा 300 मिट्रिक टन बढ़ा दिया। 1200 मिट्रिक टन कचरा खंती पहुंचा। हालांकि काफी कचरा अब भी एकत्रित होना बाकी है। ये आंकड़ा बढ़ सकता है। पटाखे का कचरा खुले ही कचरा वाहनों में डालने वालों को रोका भी गया। सोमवार सुबह जब कचरा वाहन घरों तक पहुंचे तो इसे कपड़े या अन्य थैली में पैक करके ही ये कचरा देने का कहा गया, ताकि निष्पादन स्थल पर इसे अलग से निकाल लिया जाए। अन्य कचरे में पटाखे का कचरा मिलकर परेशानी बना सकता है।
सोमवार सुबह शहर में सफाई कर्मचारी काम पर लगे रहे। सुबह जब कचरा वाहन घरों के सामने पहुंचे तो लोग अपने सामान्य कचरे के साथ ही पटाखों का कचरा भी देने लगे। इसपर ही कई क्षेत्रों में विवाद हुआ। कई में कचरा वाहन के चालकों ने किसी कैरी बेग में कचरे को रखकर उसे पूरी तरह बंद कर देने का कहा। कई लोगों ने इसे माना भी। दरअसल पटाखे के कचरे में बारूद होता है और इसमें अन्य कचरे के साथ आग लगने या विस्फोट से नुकसान की आशंका है। गीले कचरे से अभी जो खाद बनती है व सूखे कचरे से खाद बनाई जाती है उसमें भी ये बारूद मिला कचरा दिक्कत दे सकता है। इसलिए ही सभी एएचओ को निर्देश दिए थे कि पटाखों का कचरा अगल थैली में ही लें।