भोपाल

वाहन चलाते समय इन खास बातों का रखें ध्यान, कभी नहीं होंगे हादसे का शिकार

अगर आप ड्राइविंग करते समय कुछ सावधानिंयां बरत लेते हैं, तो कई हादसों से बच सकते हैं।

भोपालJul 08, 2019 / 01:48 pm

Faiz

वाहन चलाते समय इन खास बातों का रखें ध्यान, कभी नहीं होंगे हादसे का शिकार

भोपालः संतुलित ड्राइविंग ( traffic rules 2019 ) करना अपने आप में एक शानदार अनुभव है। हालांकि, एक छोटी सी लापरवाही या गलती किसी भी हादसे ( road accident ) को दावत देने के लिए काफी है। कई बार तो ये हादसे जान पर भी भारी पड़ जाते हैं। अकसर इन हादसों का शिकार वो युवा होते हैं, जिन्होंने या तो कुछ ही समय पहले वाहन चलाना सीखा हो या गाड़ी चलाते समय मौज मस्ती कर रहे हों। अगर आप ड्राइविंग करते समय कुछ सावधानिंयां ( traffic rules ) बरत लेते हैं, तो कई हादसों से बच ( Road safety rules ) सकते हैं। आइये जानते हैं उन महत्वपूर्ण बातों के बारे में…।

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सेल्फोन का इस्तेमाल

आज सेल फोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्‍सा बन गया है। बच्चे हों, युवा हों या बुजुर्ग हर कोई किसी ना किसी स्तर पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं। फोन पर बात करना, चेट से बात करना और सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना,मानो जैसे कोई ट्रेंड हो। आपने देखा होगा, कई लोग अपनी जान की परवाह किये बिना गाड़ी चलाते समय फोन पर बात करते रहते हैं। लेकिन ऐसा करके ये खुद की जान से तो खिलवाड़ कर ही रहे हैं, साथ ही साथ आसपास से गुज़रने वाले लोगों के लिए भी जान का खतरा बनते हैं। गाड़ी ड्राइव करते समय सेलफोन के इस्‍तेमाल से बचना चाहिए। ये बात सिर्फ उन लोगों पर ही लागू नहीं होती जो रास्ते पर फोन पर बात करते हुए वाहन चलाते हैं, बल्कि ये उनपर भी लागू होती है जो ड्राइव के समय मोबाइल का किसी भी तरह से इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि जब आप ड्राइव करते समय फोन का इस्तेमाल करते हैं, तो आपका ध्यान गाड़ी नहीं रहता। ऐसे में किसी भी हादसे के चांसेस काफी हद तक बढ़ जाते हैं।

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हेडफोन से म्यूजिक सुनने से बचें

वाहन चलाते समय कभी भी हेड फोन आदि तेज आवाज में न प्रयोग करें और न ही कार के अन्‍दर के स्‍पीकरों को तेज आवाज में सुने।


स्पीड उतनी जितनी कंट्रोल कर सकें

अगर आप अपने वाहन को बहुत तेज गति से ले जाना चाहते हैं तो एक बात ध्‍यान जरूर रखना चाहिए कि गति उतनी ही रखे जितनी की आप नियंत्रित हो सके।


बच्चों को सीट बेल्ट से बांधे

अगर आप छोटे बच्‍चों के साथ यात्रा पर जा रहे है तो बच्‍चों को सीट बेल्‍ट के साथ बांधना न भूले। इससे आपकों वाहन को चलाने में बहुत ही सकून मिलेगा। बच्‍चों की आदत होती है। कि वो बार बार खिड़की की तरफ ही जाते है और इस दौरान वे अपने शरीर को भी खिड़की से बाहर निकाल देते है। बच्‍चो की इन उटपटांग हरकतों की वजह से आपका ध्‍यान सड़क से हट सकता है।

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लिखने पढ़ने से बचें

बहुत से लोगों को देखा गया है कि सुबह आफिस जाते समय या छात्रों में स्‍कूल और कालेज जाते समय अपना लिखने पड़ने का काम जल्‍दबाजी में ड्राइविंग के दौरान ही निपटाने लगते है। यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। कोशिश करनी चाहिए कि कार के डैश पर पढ़ने लिखने के किताबो, मैग्जिनों, अखबारों को रखने से बचे। ड्राईविंग एक बहुत ही संवेदनशील गुण है और इसे बहुत ही केंद्रित होकर करना चाहिए।


खाने पीने से बचें

वाहन चलाने के दौरान किसी भी चीज के खाने पीने से भी बचना चाहिए। यदि आपको कुछ खाना है तो यात्रा खत्‍म करने का इंतजार करें या वाहन को सड़क किनारे लगाकर ही कुछ भी खाएं।


नशा करके ना चलाएं वाहन

गाड़ी के अंदर सिगरेट पिने, या शराब पीने या दोस्‍तों के साथ इन चीजो में किसी तरह की प्रतियोगिता करने में बचें। साथ ही ड्राइविंग के दौरान वाहन की पिछली सीट पर पड़ी हुई किसी वस्‍तु आदी को उठाने की कोशिश न करें इससे आपका ध्‍यान सड़क से हटेगा, जो हादसे का कारण बन सकता है।

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करें ट्रैफिक नियमों का पालन, जानिए ट्रैफिक सिग्नल पर लगीं तीन लाइटो का सही मतलब

-सिग्नल की लाल लाइट

सिग्‍नल में लाल लाइट का एक खास महत्‍व होता है। लाल रंग की गति अन्‍य रंगों के मुकाबले सबसे तेज होती है। इस रंग को दूसरे रंगों की अपेक्षा ज्यादा लंबी दूरी से देखा जा सकता है। इसके अलावा सिग्‍नल में लाल रंग का प्रयोग रोकने के लिए किया जाता है, ताकि आपको बताया जा सके कि, सुनिश्चित स्थान से संभावित समय में गुज़रने में आपको खतरा है। लाल रंग रक्‍त और हिंसा का घोतक होता है जिसके कारण इसका प्रयोग यातायात को रोकने में लिए किया जाता है।


-सिग्नल की पीली लाइट

पीले रंग को ऊर्जा का केन्दर माना जाता है, ट्रैफिक नियम के अनुसार इस रंग के ज़रिये वाहन चालक को निर्देशित किया जाता है कि, आप अपनी उर्जा को समेट कर तैयार हो जाएं। ट्रैफिक सिग्‍नल पर पीले रंग की लाईट जलने का मतलब होता है कि, अब आप अपने वाहन का इंजन स्‍टार्ट कर लें, साथ ही एक्सिलेरेटर, ब्रेक, क्लच समेत वाहन के आसपास के एरिया पर नियंत्रण बना लें। इस रंग की ट्रैफिक लाइट जलने पर आप धीमे -धीमे अपने वाहन को आगे बढ़ा सकते हैं ताकि, सिग्नल ग्रीन होने पर आप तुरंत आगे बढ़ सकें।


-सिग्नल की हरी लाइट

यह रंग खतरे के बिलकुल विपरीत होता है। जैसा कि लाल रंग का प्रयोग वाहनों को रोकने के लिए किया जाता है उसी प्रकार हरे रंग का प्रयोग वाहनों को आगे बढ़ने के लिए किया जाता है। हरे रंग का मतलब है कि रास्ता आपके लिए सुरक्षित और खाली है और आप अपने वाहन पर नियंत्रण रखते हुए आगे बढ़ सकते हैं।

 

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जानें ये नियम

टर्न करने से पहले सिग्नल दें

टर्न इंडिकेटर का सही इस्तेमाल करना बेहद ज़रूरी है। कहीं भी रुकने या मुड़ने से पहले पीछे और आगे से आ रही गाड़ी को टर्न इंडिकेटर के माध्यम से इशारा करना जरूरी होता है। टर्न इंडिकेटर को नियमित इस्तेमाल में लाएं। इसकी मदद से दुर्घटना से बचा जा सकता है।


सामने वाली गाड़ी से दूरी बनाएं रखें

हमेशा अपने आगे चल रही दूसरी गाड़ियों से उचित दूरी बनाएं रखें। कई बार आगे चल रही गाड़ी अचानक रुक या मुड़ सकती है, ऐसे में आपको भी अपनी गाड़ी अचानक रोकनी पड़ सकती है। सुरक्षा के लिए ऐसा किया जाना बेहद ज़रूरी है।


ड्राइव करते वक्त दिमाग शांत रखें

कभी भी तनाव में ड्राइव ना करें। ड्राइव करते वक्त दिमाग शांत रखें। बिगड़े मूड से ड्राइव करने से मामला बिगड़ सकता है। गाड़ी चलाते वक्त ट्रैफिक नियमों का पूरी तरह पालन करें।

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