भोपाल रेल मंडल के वरिष्ठ लोको पायलट एवं वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्प्लाइज यूनियर के मंडल अध्यक्ष टीके गौतम बताते हैं कि मिसरोद से लेकर निशातपुरा और बैरागढ़ तक कई स्थान ऐसे हैं जहां पर आए दिन दुर्घटना का खतरा बना रहता है। सबसे अधिक संवेदनशील स्थान कैंची-छोला के पास रेलवे ट्रैक के किनारे किया गया अतिक्रमण है। जानकारों के अनुसार यहां पर लोगों के अवैध निर्माण रेलवे टैक के बिल्कुल बगल में पहुंच गए हैं। कभी रेल डीरेलमेंट की स्थित में बड़ी जनहानि होगी।
ये स्थान सबसे अधिक संवेदनशील कैंची छोला : यहां अवैध अतिक्रमण रेलवे ट्रैक के बिल्कुल बगल में पहुंच गया है। अवैध रूप से झुग्गियां बनाकर रह रहे लोगों ने अवैध शौचालयों का निर्माण ट्रैक के पास तक कर लिया है।
निशातपुरा : यहां विदिशा की तरफ जाने वाले मार्ग में लोगों ने तीन से चार मंजिला भवनों का निर्माण कर लिया है। अपने भवनों तक जाने के लिए लोग अनधिकृत रूप से रेलवे ट्रैक को पार करके जाते हैं।
निशातपुरा : यहां विदिशा की तरफ जाने वाले मार्ग में लोगों ने तीन से चार मंजिला भवनों का निर्माण कर लिया है। अपने भवनों तक जाने के लिए लोग अनधिकृत रूप से रेलवे ट्रैक को पार करके जाते हैं।
सिंगारचोली रेल लाइन
सिंगारचोली ब्रिज के पास रेलवे ट्रैक के किनारे दोनो तरफ अवैध झुग्गियां तन गई हैं। इस क्षेत्र में भी अवैध निर्माणों के कारण दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है।
संत हिरदाराम नगर स्टेशन: पूर्व का बैरागढ़ रेलवे स्टेशन जिसे अब संत हिरदाराम रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता है। यहां पर भी स्टेशन पर घुसते समय दोनो तरफ तेजी से झुग्गियों का निर्माण हुआ है। भविष्य में ये भी रेलवे के लिए खतरे का सबब बन सकती हैं। पुल बोगदा के पास बनी झुग्गियां रेलवे के लिए बड़ा खतरा हैं। यहां भले ही रेलवे ने लोहे की बाड़ बना दी हो लेकिन झुग्ग्यिों में रह रहे लोगों ने आने जाने के लिए शार्टकट बना लिए हैं। जिसके लिए वे बेधड़क रेलवे टैक को पार करते हैं।
ट्रैक पर कटने से हो चुकी है 50 से अधिक गायों की मौत
मिसरोद रेलवे स्टेशन के पास हुई दो ट्रेन दुर्घटनाओं में 50 से गायों की मौत ट्रेन से कटने से हो चुकी है। इसके साथ ही अकेले भोपाल रेलवे स्टेशन और उसके आसपास लगभग आधा दर्जन लोग पिछले एक साल में ट्रेन की चपेट में आ चुके हैं। जनसंपर्क अधिकारी भोपाल रेल मंडल आईए सिद्दीकी ने कहा कि ये बात सही है राजधानी में रेलवे ट्रैक और उसके आसपास काफी अतिक्रमण है। हालांकि रेलवे समय-समय पर उसे हटाने की कार्रवाई करता रहा है, लेकिन एक बार फिर से प्रशासन के सहयोग से इसे हटाने के की कार्रवाई की जाएगी।
मिसरोद रेलवे स्टेशन के पास हुई दो ट्रेन दुर्घटनाओं में 50 से गायों की मौत ट्रेन से कटने से हो चुकी है। इसके साथ ही अकेले भोपाल रेलवे स्टेशन और उसके आसपास लगभग आधा दर्जन लोग पिछले एक साल में ट्रेन की चपेट में आ चुके हैं। जनसंपर्क अधिकारी भोपाल रेल मंडल आईए सिद्दीकी ने कहा कि ये बात सही है राजधानी में रेलवे ट्रैक और उसके आसपास काफी अतिक्रमण है। हालांकि रेलवे समय-समय पर उसे हटाने की कार्रवाई करता रहा है, लेकिन एक बार फिर से प्रशासन के सहयोग से इसे हटाने के की कार्रवाई की जाएगी।