इस प्रावधान में अधिकारियों को सीधे जुर्माना लगाने का अधिकार दिया गया है। इसके साथ यह भी सिद्ध किया गया है कि ऐसे मामले अदालत में नहीं जाएंगे।सरकार के अनुसार,यह विधेयक जन विश्वास बढ़ाने और प्रशासनिक कार्यों को सरल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
ये भी पढ़े- लाडली बहनों के खाते में आएंगे 3000 ? मोहन सरकार ने दिया जवाब
अनावश्यक कानूनी प्रक्रिया से मुक्ति
भारत सरकार ने साल 2023 में पब्लिक ट्रस्ट बिल पेश कर कामकाज की जटिल प्रक्रियाओं को खत्म करने की दिशा में कदम उठाया था। इसी तर्ज पर राज्य सरकार ने भी एक विधेयक तैयार किया है। इस विधेयक में विभिन्न विभागों के उन अधिनियमों को संशोधित किया गया है जिनमें पहले अदालत में मामले पेश करने की आवश्यकता होती थी। अब अधिकारियों को सीधे जुर्माना लगाने का अधिकार होगा, जिससे मामलों का जल्द से जल्द निपटारा हो सकेगा। ये भी पढ़े- Patrika Raksha Kavach Abhiyan: ऑनलाइन फ्रॉड में बड़ा खुलासा, OTP देते ही शुरू हुई नेट बैंकिंग, ठगोरों ने लिया 37 लाख का लोन