सीएसपी, थाना प्रभारी, अपने वाहनों मे विडियोग्राफर, आम्र्स/एम्युनेशन व टीयर गैस लेकर चल रहे थे। अप्रिय स्थिति में स्वविवेक से काम कर शांति बनाने के सभी को निर्देश दिए गए थे। इस दौरान साइबर सेल की टीम भी मैदान में लगाई गई थी। मुख्य पिकेटस व्यवस्था के समन्वयक संदेश जैन एएसपी सायबर सेल और नीतू सिंह डीएसपी साईबर सेल थे।
1992 में जहां उपद्रव हुआ था वहां विशेष नजर
एडीजी-आईजी भोपाल आदर्श कटियार, संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव, डीआईजी ईरशाद वली, कलेक्टर तरुण पिथौड़े सहित प्रशासन की नजर में सबसे अधिक वे क्षेत्र थे, जहां 1992 में उपद्रव हुआ था। अधिकारियों ने ऐसे क्षेत्रों में सबसे पहले पेट्रोलिंग की और वहां तैनात बल को भी विशेष सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई थी। डीआईजी ने वली ने सुबह सबसे पहले पीरगेट की सुरक्षा का जायजा लिया। इसके बाद अन्य क्षेत्र में भ्रमण किया। पिथौड़े और वली कंट्रोल रुम में पल-पल की अपडेट ले रहे थे।
इन पिकेटस में बांटे थे थानों को
रोशनपुरा-टीटीनगर, लिली टाकीज-जहांगीराबाद, जिंसी जहांगीराबाद, पुल बोगदा ऐशबाग, प्रभात पेट्रोल पंप अशोका गार्डन, सब्जीमंडी अशोका गार्डन, बोर्ड आफिस एमपीनगर, बरखेडा पठानी गोविंदपुरा, पिपलिया पेंदे खां बागसेवनिया, पीरगेट कोतवाली, इतवारा तलैया, बुधवारा तलैया, पालिटेक्निक चैराहा श्यामला हिल्स, भोपाल टाकीज शाहजहांनाबाद, मिलेट्री गेट शाहजहांनाबाद, पुरानी अदालत के पीछे स्टार शादी हॉल के पास शाहजहांनाबाद, काजी कैंप टीला, इंद्रा नगर टीला, कबीटपुरा टीला , नादरा बस स्टेेंड हनुमानगंज , डीआईजी बंगलाचैराहा गौतमनगर, आरिफ नगर गौतमनगर, सिंधी कालोनी हनुमानगंज, इस्लामनगर ईटखेडी, कैंची छोला और हाउसिंग बोर्ड कालोनी निशातपुरा मुख्य पिकेट्स बनाए गए थे। इनमें तैनात प्रभारी अधिकारी को गिरफ्तारी के समस्त उपकरण अपने साथ रखने के निर्देश थे। आरआई को प्रत्येक स्थल पर एक बड़ा वाहन देने का भी निर्देश था।
शहर में मुख्य पेट्रोलिंग व्यवस्था
सारे सीएसपी को निर्देश दिए गए थे कि उनके साथ पुलिस लिखा हुआ एक बड़ा स्टीकर गाडी मे लगाकर चलेंगे। गाडिय़ों में बलवा निरोधी सामग्री और बल के साथ टीयर गैस, विडियोग्राफर तैनात थे। समस्त बल बलवा ड्रिल सामग्री के साथ अप टू डेट थे। मोबाईल पेट्रोलिंग, पीसीआर वेन, चार्ली, एफआरवी, मैत्री/शक्ति/महिला मोबाईल ने अपने अपने क्षेत्र में भ्रमण कर निगरानी की। मोटर सायकिल पार्टी भी पेट्रोलिंग में लगाई गई। रेल्वे स्टेशन व में सुरक्षा व्यवस्था अलग से की गई थी। गिरफ्तारी पार्टी की व्यवस्था का समन्वयक निश्चल झारिया अपुअ अपराध और सलीम खान को बनाया गया था।
थाना प्रभारियों को दिया गया था अहम काम
हेलमेट, जाली बाडीगार्ड के साथ थाना प्रभारी ने सूचना एकत्रित की। सभी थाना प्रभारी एवं नपुअ अपने साथ वीडियोंग्राफर, फोटोग्राफर, टीयर गैस पार्टी, लेकर चल रहे थे। विषम स्थिति से निपटने के लिये संबंधित नपुअ/थाना प्रभारी योजना बनाकर काम करते रहे। सुबह 6 बजे से ही फोर्स की ब्रीफिंग शुरु हो गई थी। दिनभर कंट्रोल रुम में ब्रीफिंग होती रही। सभी मुखियाओं को मजिस्ट्रेट के संपर्क में रहने के निर्देश थे।
हर छोटी-छोटी घटना पर नजर थी। थाना प्रभारियों को अपने अपने क्षेत्र में स्थित धार्मिक स्थल (मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारा, चर्च आदि) की विशेष निगरानी की। थाना प्रभारी ने विशिष्ट व्यक्तियों के आवास, शासकीय आवास/कार्यालय, प्रतिष्ठान आदि में विशेष नजर रखी। संवेदनशील व अतिसंवेदनशील क्षेत्रों मे गश्त पेट्रोलिंग लगातार की गई। ऊंचे भवनो को चिन्हित कर बल को बायनाकुलर व सेट से निगरानी के लिए लगाया गया।
धर्म स्थलों पर भीड़ नहीं जुटने दी
पुलिस ने सुबह 6 बजे से ही हर समुदाय के धर्म स्थल पर सुरक्षा पहरा लगा दिया। यहां शुरु से ही भीड़ नहीं जुटने दी गई। धर्म स्थल ज्यादातर बंद रहे, लेकिन मुख्य धर्म स्थल कहीं-कहीं खुले भी रहे तो वहां भारी संख्या में बल तैनात रहा और पुलिस ने बारी-बारी से माइक से घोषणा करवाई की शांति बनाएं रखे और अपने-अपने घर में रहें।
व्यवस्था में लगा कुल बल
सुरक्षा में लगा बल
1 थानों का बल 1051
2 कंट्रोल रूम आम्र्स 1241
3 कंट्रोल रूम केन पार्टी 404
4 कंट्रोल रूम महिला बल 63
5 एसपीओ 1670
6 नगर सैनिक 186
कुल योग 4615
इसके अलावा 1 रेपिड एक्शन फोर्स की कंपनी भोपाल में लगाई गई थी।