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-डरें नहीं, बल्कि निडर होकर करें बात और वेरिफाई करें संदिग्ध कॉल
-याद रखें पुलिस कभी ऑनलाइन अरेस्ट नहीं करती यानी डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ नहीं होता।
-फ्रॉड के शिकार हों, तो 1930 पर करें कॉल
इनका रखें खास ख्याल
-साइबर क्राइम की वेबसाइट साइबरक्राइम डॉट जीओवी डॉट इन पर रजिस्टर करें अपनी शिकायत-डरें नहीं, बल्कि निडर होकर करें बात और वेरिफाई करें संदिग्ध कॉल
-याद रखें पुलिस कभी ऑनलाइन अरेस्ट नहीं करती यानी डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ नहीं होता।
-फ्रॉड के शिकार हों, तो 1930 पर करें कॉल
याद रखें ये बाते
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए डिजिटल लिटरेसी बहुत जरूरी है। डर और लालच यह दो मनोभाव अगर किसी कॉल से आ रहे हैं, तो समझ जाएं कि यह फ्रॉड कॉल है।- अजय देवनानी, प्रवक्ता बीसीसीआईसाइबर फ्रॉड करने वालों पर स्ट्रिक्ट एक्शन लेने की जरूरत है। पुलिस को स्ट्रिक्ट एक्शन लेना चाहिए, तभी इस तरह का क्राइम करने वाले डरेंगे और इस पर अंकुश लगाया जा सकता है।-आरुल पिल्लई, सोशल मीडिया इंलुएंसर
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए सबसे पहले जरूरत है एहतियात बरतने की। अपना अकाउंट में ड्यूल वेरिफिकेशन करें। कोई कॉल आए, तो पैनिक न हों, सावधान रहें। तभी इससे बच सकते हैं। -सिद्धार्थ जैन, एंकर और सोशल मीडिया इंलुएंसर
पत्रिका का यह अभियान लोगों को जागरुक कर रहा है। साइबर फ्रॉड से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि स्कूलों में, कॉलेजों में इस पर वर्कशॉप आदि हों, क्योंकि जब बच्चे इसके प्रति जागरुक होंगे, तो वह अपने अभिभावकों को भी जागरुक कर सकेंगे।- डॉ स्मिता राशि, प्रोफेसर और समाजसेवी
एक बात देखने में आ रही है कि कई बच्चे केवल मनोरंजन या फन में साइबर फ्रॉड जैसी वारदात कर रहे हैं। यह खतरनाक है। इससे उन्हें बचाने की जरूरत है और यह इंटरनेट साक्षरता से ही संभव होगा। -सुनिल शुक्ल, फिल्ममेकर
जब भी ऐसी कोई कॉल आए, तो डरें नहीं। आप फोन काट दें और उस कॉल के बारे में विचार करें। निडरता से किया गया यह दो मिनट का विचार आपको साइबर क्राइम से बचा सकता है। -दिव्या अत्री, समाजसेवी