Must See: आजादी के सात दशक बाद भी मध्य प्रदेश की ऐसी तस्वीर
सरकार ने हाल ही में एक निजी कंपनी से आदिवासी क्षेत्रों में कुपोषण की स्थिति का सर्वे कराया था। कुपोषण में 60 से 70 फीसदी का अंतर आया है। मुख्य वजह आदिवासियों के भोजन में मिलने वाले आयरन तथा आयोडीन की कमी का होना बताया गया है। भोजन बनाने के लिए बर्तन स्टील सहित अन्य धातु के होते हैं। इससे उन्हें आयरन की पर्याप्त मात्रा नहीं मिलती। पहले लोग सब्जी सहित अन्य भोजन पकाने में लोहे के बर्तन का ज्यादा उपयोग करते थे। इससे आयरन की मात्रा मिल जाती थी।
Must See: ऑनलाइन क्लासः 70% बच्चों के पास मोबाइल नहीं कैसे होगी पढ़ाई
खाद्य विभाग करेगा सप्लाई
प्रदेश में खाद्य विभाग के जरिए अस्पतालों को डबल फोर्टीफाइड नमक उपलब्ध कराया जाएगा। अस्पताल प्रबंधन प्रत्येक माह उचित मूल्य की दुकानों से नमक उठाएंगे और उन्हें राशि का भुगतान करेंगे। इसके लिए अस्पतालों को कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके जरिए वे इसका लेखा-जोखा भी विभाग को दे सकेंगे। अगस्त से मरीजों को डबल फोर्टीफाइड नमक युक्त भोजन ही उपलब्ध होगा, ऐसी व्यवस्था अस्पताल प्रबंधन को करना अनिवार्य होगा।
Must See: उपचुनाव में सरकार से नाराजगी को भुनाने की कवायद
आंगनबाड़ियों से भी मिलेगा
तीसरे चरण में आंगनबाड़ी केंद्रों यह नमक वितरित होगा। भोजन बनाने वाली एजेंसियां इसी नमक का उपयोग करेंगी। राशन दुकानों की जरिए 97 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों तक नमक की सप्लाई होगी। यह नमक सरकार इन केन्द्रों को बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराएगी।