ये भी पढ़ेंः केंद्रीय मंत्री पर फूटा बाढ़ पीड़ितो का गुस्सा लगाए मुर्दाबाद के नारे
पोसाकोनाजोल इंजेक्शन के कई साइड इफेक्ट हैं। इसे आइवी फ्लूड की जगह सीधे नस में लगाया जाता है। इसे लगाने के बाद कई मरीजों को बुखार और घबराहट की शिकायत हुई थी। यही नहीं कई मरीज इंजेक्शन लगवाने से मना कर देते हैं। ऐसे में इन मरीजों को टेबलेट दी जा रही है।
ये भी पढ़ेंः कोरोना काल में बचतः बैंकों में 55 हजार करोड़ ज्यादा जमा
बतादें कि हमीदिया अस्पताल में फंगस के मरीजों के लिए इंजेक्शन की आपूर्ति मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के यहां से की जाती है। इंजेक्शन की किल्लत का यह हाल तब है जब सरकार कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए सभी दवाएं, उपलब्ध होने का दावा कर रही है।
ये भी पढ़ेंः यूनेस्को विश्व धरोहरः भेड़ाघाट के मार्बल पार्क में रोका काम
यह पहली बार नहीं है जब अस्पताल में इंजेक्शन की दिक्कत आई हो। इसके पहले भी यहां पर अच्छा इंजेक्शन जगह मरीजों को लिपिड कॉम्प्लेक्स दिया गया है। जो कम प्रभावी है। गांधी मेडिकल कॉलेज.के डीन डॉ. जतिन शुक्ला ने कहा कि अस्पताल में 30 मरीज भर्ती हैं कुछ दिनों से एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन की सप्लाई नहीं हुई है इसलिए पोकसोनाजोल इंजेक्शन और टेबलेट दी जा रही है। जैसे ही इंजेक्शन की सप्लाई होगी मरीजों को लगा दिए जाएंगे।
ये भी पढ़ेंः चंबल-सिंध में अवैध खनन से प्रभावित हुआ नदी का प्रवाह
संक्रमण बढ़ने का रहता है डर
ब्लैक फंगस तेजी से बढ़ने वाली बीमारी है ऐसे में दवाई में देरी होने से या कम प्रभावशील दवा देने पर फंगस ब्रेन तक पहुंच जाता है। जो मरीज के लिए घातक हो सकता है। भोपाल के निजी और सरकारी अस्पतालों में भर्ती कई मरीजों को पर्याप्त इंजेक्सन नहीं मिल पाने की वजह से संक्रमण बढ़ गया।
ये भी पढ़ेंः अन्न उत्सव: पीएम से बात करेंगे मड़िया के पांच हितग्राही
कोरोना की तीसरी लहर की आहट
प्रेदेश में कोरोना की तीसरी लहर की आहट मिलनी शुरू हो गई है। इस माह लंगातार एक्टिव केस बढ रहे हैं। हालांकि अस्पतालों में कोविड केय॑र सेंटर्सको अभी-तक बंद नहीं किया है। इसके चलते अस्पताल प्रबंधन और मरीजों को भी भर्ती करने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है। जिला अस्पतालों में पहले से ही 30 फीसदी बिस्तरों को आरक्षित करके रखागया हैं। सात दिनों के अंदर 34 एक्टिव केस बढ़े हैं। इस दौरान 127 नए केस मिले हैं। हर दिन औसत 18 से ज्यादा नए केस मिल रहे हैं। सभी जिलों में 74 हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना जांचें की जा रही हैं, जिसमें हर दिन करीब 0.02 फीसदी तक पाजिटिविटी दर मिल रही है। वर्तमान में भोपाल, इंदौर के अलावा सबसे ज्यादा संक्रमित सागर संभाग में मिल रहे हैं।