डॉक्टर-लैब तक पहुंचना होगा आसान
अभी सरकारी अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद डॉक्टर तक पहुंचना आसान नहीं होता है। बड़ी-बड़ी इमारतों में मरीजों को जानकारी ही नहीं मिल पाती कि कौन सा विशेषज्ञ कहां बैठता है। कॉरिडोर बनने से मरीज बिना किसी रुकावट के संबंधित विभाग या डॉक्टर तक पहुंच सकेंगे।
ई-स्ट्रेचर भी कराए जा रहे तैयार
अभी मरीज के लिए डॉक्टर और लैब तक पहुंचने का सफर बहुत कष्टकारी होता है। बुजुर्गों को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। इसे देखते हुए ई-स्ट्रेचर भी चलाए जाएंगे, जो बैटरी से चलेंगे। प्रदेश में यह पहला मौका होगा, जब किसी अस्पताल में ई-स्ट्रेचर की सुविधा मिलेगी। इसके लिए बजट में भी प्रावधान किया गया है। करीब 25 साल पहले जबलपुर मेडिकल कॉलेज में इस तरह का प्रयोग किया गया था, लेकिन कुछ ही दिनों में व्यवस्था खत्म हो गई थी।
प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में पेशेंट डेडिकेटेड कॉरिडोर तैयार किए जाएंगे। इससे खासकर बुजुग मरीजों का इलाज कराना आसान हो जाएगा। प्रदेश में पहली बार मरीजों को ई-स्ट्रेचर की सुविधा मिलेगी।
– विश्वास सारंग, चिकित्सा शिक्षा मंत्री