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अध्यन में हुआ खुलासा
जैव विविधता बोर्ड ने पूर्व वनमंडल छिंदवाड़ा के छिंदी परिक्षेत्र में स्थित पातालकोट की 4305.25 हेक्टेयर और तामिया परिक्षेत्र के 4062.24 हेक्टेयर क्षेत्र को जैव विविधता विरासत स्थल घोषित किया है। 1700 फीट गहरी इस घाटी की तलहटी में अध्यन किये जाने के बाद सामने आया कि, ये लगभग छह मिलियन साल पुरानी है। क्षेत्र में ब्रायोफाइट्स और टेरिडोफाइट्स समेत दुर्लभ वनस्पति और प्राणियों का अनूठा भूभाग मिला है। खास बात ये है कि, यहां रहने वाले भारिया समुदाय यहां पैदा होने वाली जड़ी-बूटियों का पूरी तौर पर पारंपरिक ज्ञान रखते हैं। वे इन जड़ी-बूटियों से प्रभावी औषधियां तैयार करने में महारत रखते हैं।
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वनवासियों और आदिवासियों को मिलेगा फायदा
इसी तरह जैव विविधता बोर्ड ने सतना जिले में स्थित वनमंडल की मौहार बीट में 200 हेक्टेयर में फैली नरो हिल्स के इलाके को भी जैव विविधता विरासत स्थल घोषित किया है। बोर्ड का मानना है है कि, ये इलाका भी विलक्षण और विविध भूतत्व का है। इसमें भारी मात्रा में वनस्पतियां और बड़ी संख्या में वन्यप्राणियों की प्रजातियां पाई जाती हैं। यहां भी दुर्लभ ब्रायोफाइट्स और टेरिडोफाइट्स हैं और स्थानीय समुदाय विरासत को सहेजकर रखा है। बोर्ड वन विभाग के सहयोग से यहां स्थित विरासत स्थलों की प्राकृतिक वनस्पतियों और वन्य प्राणियों का संरक्षण करेगी। साथ ही, क्षेत्र में विभाग के क्षेत्रीय अमले में वनवासियों और आदिवासियों से उनके हुनर के आधार पर कार्यक्रम करवाए जाएंगे।