MP News : राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्नातक पाठ्यक्रमों जैसे बीए, बीकॉम और बीएससी के विद्यार्थियों के लिए सतत और व्यापक मूल्यांकन को अनिवार्य कर दिया गया है। इस नई प्रणाली के लागू होने से अब परीक्षा में पास होना पहले की तुलना में आसान हो गया है।
MP News : राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्नातक पाठ्यक्रमों जैसे बीए, बीकॉम और बीएससी के विद्यार्थियों के लिए सतत और व्यापक मूल्यांकन को अनिवार्य कर दिया गया है। इस नई प्रणाली के लागू होने से अब परीक्षा में पास(Passing Marks) होना पहले की तुलना में आसान हो गया है। सीसीई के तहत कॉलेज स्तर पर विद्यार्थियों का 15 अंकों का मूल्यांकन किया जाता है। प्रत्येक छात्र का सीसीई में पास होना आवश्यक होता है। यदि कोई छात्र(Exam) इसमें अपेक्षित अंक प्राप्त नहीं कर पाता है, तो उसे दोबारा मूल्यांकन का अवसर दिया जाता है।
मुख्य परीक्षा (Passing Marks)में नियमित विद्यार्थियों के लिए 85 अंकों की परीक्षा आयोजित की जाती है, जबकि प्राइवेट विद्यार्थियों के लिए यह परीक्षा 100 अंकों की होती है। परीक्षा में पास होने के लिए विद्यार्थियों को कुल मिलाकर 33 अंक प्राप्त(Passing Marks) करना आवश्यक होता है। सीसीई के अंक मुख्य परीक्षा के अंकों में जोड़ दिए जाते हैं, जिससे विद्यार्थियों के लिए पास होना अपेक्षाकृत सरल हो गया है।
प्रोफेसर राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि सीसीई प्रणाली का उद्देश्य विद्यार्थियों को पूरे वर्ष पढ़ाई में संलग्न रखना है। इस मूल्यांकन में प्रोजेक्ट वर्क, असाइनमेंट, प्रेजेंटेशन और कक्षा में भागीदारी जैसे विभिन्न पहलुओं को शामिल किया जाता है। इस संबंध में प्रोफेसर आनंद शर्मा का कहना है कि सीसीई के अंक मिलने के कारण मुख्य परीक्षा में विद्यार्थियों को अपेक्षाकृत कम अंक लाकर भी पास होने का अवसर मिलता है।