शहर के एमपी नगर में स्थित एक शॉपिंग मॉल के सामने दुकान लगाने वाले एक शख्स के मुताबिक वे खुद अपने हाथ से पानी पूरी बनाते हैं। वहीं अलग-अलग 7 तरह के पानी भी वे खुद ही तैयार करते हैं। उनका कहना है कि ग्राहक इसे बहुत पसंद करते हैं और मजे लेकर खाते हैं। इनमें खट्टा-मीठा, गार्लिक या लहसुन, हरियाली सौंफ, रेगुलर, रजवाडी, पुदीना और जलजीरा जैसे स्वाद वाले पानी का इस्तेमाल किया जाता है। लोग सबसे ज्यादा गार्लिक, रजवाड़ी और रेगुलर वाले पानी से तैयार पानी पूरी खाना पसंद करते हैं। यहां गोलगप्पे के साथ ही सेवपुरी, दही पुरी और चाट भी मिलती है। इस पानी पूरी की दुकान का नाम है बाहुबली पानी पूरी। यहां पर 20 रुपए में सात गोलगप्पे मिलते हैं। लोगों को यहां का स्वाद अलग लगता है। इसीलिए वो यहां बार-बार गोलगप्पे खाने आते हैं। ग्राहकों का कहना है कि यहां के गोलगप्पे बाकी जगहों के गोलगप्पों से बड़े और बहुत ही यमी होते हैं।
यहां जानें पानी पूरी से जुड़े रोचक फैक्ट
1. आपको बता दें कि पानी पूरी की शुरुआत मगध क्षेत्र से मानी जाती है।
2. इसे आज दक्षिणी बिहार के नाम से जाना जाता है। पानी पूरी को पहली बार मगध में ही बनाया गया था।
3. अलग-अलग राज्यों में पानी पूरी का अलग-अलग नाम से जाना जाता है।
4. इसका प्राचीन नाम ‘फुल्की’ बताया जाता है।
5. कहीं इसे पानी बताशे के नाम से तो, कहीं इसे पताशी कहा जाता है।
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6. कुछ जगहों पर गुपचुप, गोलगप्पे और पकौड़ी भी कहा जाता है।
7. वहीं पानी पूरी का नाता महाभारत काल से भी जोड़ा जाता है। माना जाता है कि एक बार कुंती अपनी नई बहू द्रौपदी का परीक्षण करना चाहती थीं। इसी के चलते उन्होंने द्रौपदी को थोड़ा सा आटा और आलू देकर कहा था की इससे कुछ ऐसा बनाओ की पांडवों का पेट भर जाए। माना जाता है कि द्रौपदी ने कम सामग्री का इस्तेमाल करके पानी पूरी बनाई थी।
8. समय के साथ पूरे देश में पानी पूरी का स्वाद भी लगातार बदला है।
9. आजकल पानी पूरी में पानी ही नहीं बल्कि पूरी मार्गरीटा, चॉकलेट पानी पूरी और पानी पूरी शॉट्स आज काफी पॉपुलर हो रहे हैं।
10. रबड़ी, बर्फ के गोले वाली पानी पूरी, फ्रूट सलाद पूरी यहां तक कि पानी पूरी आइसक्रीम भी मार्केट में आ चुकी है।
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