खास बात ये है कि पिछले सत्र की भाजपा सरकार में गृहमंत्री रहे डॉ. नरोत्तम मिश्रा अपने गढ़ वाली सीट से और कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे जीतू पटवारी 2023 का विधानसभा चुनाव बेहद कॉन्फिडेंटल होकर लड़ रहे थे। दोनों ही नेताओं के कॉन्फिडेंस की वजह पहली तो पक्की सीट और दूसरी कहीं न कहीं जाने माने पीठाधीश्वर पंडोखर सरकार द्वारा की गई दोनों की प्रचंड जीत की भविष्यवाणी भी थी।
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नरोत्तम मिश्रा को लेकर गलत भविष्यवाणी
दरअसल, पीठाधीश्वर पंडोखर सरकार ने चुनाव से पहले डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा को लेकर बड़ी भविष्यवाणी करते हुए दावा किया था कि नरोत्तम अपने गढ़ वाली सीट दतिया से 100 फीसदी चुनाव जीतेंगे। यानी 2023 के चुनाव में उनके प्रतिद्वंदी को करारी हार का सामना करना पड़ेगा। लेकिन यहां चुनावी नतीजे पंडोखर सरकार की भविष्यवाणी से उलट ही सामने आए हैं। भाजपा और नरोत्तम के गढ़ वाली दतिया विधानसभा सीट पर कद्दावर भाजपा नेता को शिकस्त का सामना करना पड़ा है और उनके उनके प्रतिद्वंदी कांग्रेस के राजेंद्र भारती ने उन्हें 7742 वोटों से शिकस्त दी है।
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जीतू पटवारी को लेकर गलत भविष्यवाणी
इससे पहले पीठाधीश्वर पंडोखर सरकार ने जीतू पटवारी की जीत को लेकर भी ऐसी ही भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि जीतू न सिर्फ 2023 का चुनाव जीतेंगे, बल्कि 40 हजार वोटों से प्रचंड जीत दर्ज करेंगे। लेकिन चुनावी नतीजे पंडोखर सरकार की भविष्यवाणी से एकदम विपरीत निकले। जीतू पटवारी अपने प्रतिद्वंदी भाजपा के मधु वर्मा से 35522 वोटों से हारे हैं। हकीकत में इसे प्रचंड हार कहना गलत नहीं होगा। बता दें कि, राऊ सीट जीतकर विधायक चुने गए भाजपा के मधु वर्मा को कुल 1,51,672 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के जीतू पटवारी को 1,16,150 वोट हासिल हुए हैं। इस तरह हार-जीत का अंतर 35,522 वोट रहा।
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पंडोखर सरकार की ये भविष्यवाणी भी झूठी रही
आपको बता दें कि पंडोखर सरकार ने सिर्फ कांग्रेस के जीतू पटवारी की ही प्रचंड जीत का दावा नहीं किया था, बल्कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने का भी दावा किया था। उन्होंने बाकायदा पर्चा लिखते हुए बताया था कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनेगी। हालांकि भविष्यवाणी इतनी उलट साबित हुई कि दोनों राज्यों से ही कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई और बीजेपी पूर्ण बहुमत से सत्ता में आ गई।