भोपाल

ध्रुपद गायक पद्मश्री रमाकांत गुंदेचा का निधन, गुंदेचा बंधू के नाम से दुनिया में बनाई पहचान

ध्रुपद गायक पद्मश्री रमाकांत गुंदेचा के निधन पर शोकाकुल परिजन से मिलने पहुंचे पूर्व सीएम शिवराज

भोपालNov 10, 2019 / 01:45 pm

Faiz

ध्रुपद गायक पद्मश्री रमाकांत गुंदेचा का निधन, गुंदेचा बंधू के नाम से दुनिया में बनाई पहचान

भोपाल/ ध्रुपद गायक पद्मश्री रमाकांत गुंदेचा का शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 24 नवंबर 1962 को जन्में रमाकांत ने 57 साल की उम्र में शुक्रवार को अंतिम सांस ली। प्रदेश की कई नामचीन हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। इस दौरान प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वर्गीय रमाकांत गुंदेचा के निधन पर भोपाल स्थित उनके निवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे। शिवराज सिंह ने शोकाकुल परिजन के साथ ढांढस बंधाया। साथ ही, अपने ट्विटर पर रमाकांत गुंदेचा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए शिवराज ने कहा कि, उनका असमय जाना संगीत ही नहीं बल्कि प्रदेश और देश के लिए अपूर्णीय क्षति है।

 

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स्टेशन पर कर रहे थे ट्रेन का इंतजार

रमाकांत, उमाकांत और अखिलेश गुंदेचा की तिकड़ी को पूरे देश में गुंदेचा बंधु के नाम से प्रसिद्धि हासिल है। बड़े भाई उमाकांत गुंदेचा के मुताबिक, एक कार्यक्रम में जाने के लिए वो और उनके छोटे भाई रमाकांत पुणे जाने के लिए हबीबगंज स्टेशन पर बैठकर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। तभी अचानक रमाकांत को सीने में दर्द होने लगा। साथ में मौजूद लोगों को लगा कि, शायद ये एसीडिटी का दर्द होगा। लेकिन, थोड़ी ही देर में दर्द असहनीय हो गया, तो तुरंत एंबुलेंस को बुलाया गया। हालांकि, जब तक एंबुलेंस आती तब तक उनकी ओर से कोई भी गतिविधि आना बंद हो गई थी।

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रमाकांत का अंतिम संस्कार सुबह 11 बजे सुभाष नगर विश्राम घाट पर किया गया।

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गुंदेचा बंधु का जीवन परिचय

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बता दें कि, गुंदेचा बंधु मध्य प्रदेश के उज्जैन में जन्में हैं। रमाकांत संगीत और कॉमर्स में स्नातकोत्तर थे। गुंदेचा बंधु सन 1981 से भोपाल में रहने आ गए थे और तभी से यहां प्रोफेसर्स कॉलोनी में रहते थे। 1985 से उन्होंने सार्वजनिक रूप से ध्रुपद गायकी शुरू की। साल 2004 में गुरु-शिष्य परंपरा के तहत उन्होंने भोपाल में ध्रुपद गुरुकुल की स्थापना की थी, जिसका उद्घाटन पंडित भीमसेन जोशी ने किया था। गुंदेचा बंधुओं को साल 2012 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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