पैक्ड मेंगो ड्रिंक स्वास्थ्य के लिए हानिकारिक है। मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉ. वीके दुबे के मुताबिक पैक्ड ड्रिंक्स से सेहत को खासा नुकसान होता है। इससे फैटी लिवर, मधुमेह, वजन बढऩे, दांतों में खराबी जैसी समस्याएं हो सकती है। मार्केट में आने से पहले इनकी जांच होना जरूरी है और स्टेंडर्ड मानक तय करने चाहिए।
इधर उपभोक्ता आयोग बेंच 1 ने एक दुकानदार पर खराब फ्रूटी बेचने के आरोप में 10 हजार का जुर्माना लगाया। अध्यक्ष योगेश दत्त शुक्ल और सदस्य प्रतिभा पांडे ने पंचशील नगर निवासी हेमंत चौबे के पक्ष में फैसला सुनाया। उपभोक्ता की शिकायत थी कि फ्रूटी की बॉटल का टेस्ट खराब लगा तो खोलकर देखी। जूस में फंगस लगी हुई थी जबकि उसकी एक्सपायरी डेट एक महीने बाद की थी। शिकायत करने के बावजूद दुकानदार ने न पैकेट बदला और न ही मुआवजा दिया।
इसी तरह की एक अन्य शिकायत में कहा गया कि पैक्ड ड्रिंक पीने के बाद उपभोक्ता की तबियत बिगड़ गई। इस तरह की शिकायतें आम बात हैं क्योंकि इन सामानों के रिव्यू की कोई व्यवस्था नहीं है। गर्मियों में इनका सेवन दोगुना तक हो जाता है। भारत में 1000 से ज्यादा आमों की वैरायटी है। बावजूद इसके कोला ड्रिंक की तरह मैंगो ड्रिंक भी पॉपुलर है। ड्रिंक में पानी, मैंगो पल्प और शुगर मिलाकर 40 रुपए तक की कीमत वसूली जाती है।
इनके टारगेट बच्चे और युवा होते हैं। एक बोतल में 50 से 65 किलो कैलोरी होती है। इन्हें लंबे समय तक प्रीजर्व करने के लिए प्रेजरवेटिव एड किए जाते हैं। इसके अलावा सिंथेटिक फूड कलर और एडेड फ्लेवर भी इस्तेमाल होता है। डॉक्टर्स के मुताबिक ये सेहत के लिए नुकसानदायक है। मगर इनके लैब में टेस्टिंग और चेकिंग की कोई सुविधा नहीं है। कंपनी से निकलकर ये सीधा कंज्यूमर तक पहुंच जाती है।