भोपाल

जैव विविधता से समृद्ध है हमारा भोपाल संरक्षण के लिए लगातार हो रहे प्रयास

भोज वेटलैंड विंटर बर्ड कॉउंट का समापन, 155 प्रजातियां के लगभग 30 हजार पक्षियों की जनसंख्या को किया चिन्हित

भोपालMay 23, 2023 / 11:21 pm

hitesh sharma

भोपाल। पर्यावरण की दृष्टि से मध्यप्रदेश के सबसे खूबसूरत शहरों में भोपाल आता है। यह हर तरह हरियाली-ग्रीनरी व बड़े-बड़े तालाब दिखाई देते हैं, जिनकी वजह से यह जैव विविधता से समृद्ध है। हालांकि यहां मौजूद 18 तालाबों में बढ़ते प्रदूषण से बीते सालों में जैव विविधता में कमी आई है, लेकिन इसके बावजूद अन्य शहरों की तुलना में यहां विविधता बरकरार है। विभिन्न संस्थाएं इस ओर जागरूक हुई हैं और इसके संरक्षण के लिए, विलुप्त हो रही प्रजातियों को बचाने के लिए लगातार काम कर रही हैं। यहां समय-समय पर जीवों के सर्वे हो रहे हैं, जिनसे ये बात पता चली है कि राजधानी में कई दुर्लभ प्रकार की तितलियां, पक्षी हैं, जो लगातार बढ़ रहे हैं। पर्यावरणविद डॉ. सुभाष सी पांडे का कहना है कि तालाबों में सीवेज का गंदा पानी, उद्योगों का केमिकल युक्त पानी जाने पर रोक लगेगी तो जैव विविधता तेजी से बढ़ेगी। लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा और तालाब में कपड़े धोना, गंदगी फेंकना बंद करना होगा। ये हम सभी के प्रयास से संभव होगा।

संकटग्रस्त प्रजातियों के कई पक्षी भोपाल में मिले हैं

भोपाल बर्ड्स द्वारा मध्य प्रदेश राज्य वेटलैंड अथॉरिटी, वन विहार राष्ट्रीय उद्यान एवं व्ही एन एस नेचर सेवियर्स के सहयोग से चौथे भोज वेटलैंड विंटर बर्ड काउंट में पक्षियों की 155 प्रजातियों की पहचान की गयी। जिनकी कुल संख्या लगभग 30,000 रही। इनमें प्रवासी पक्षियों में रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, कॉमन पोचार्ड, ब्लैक हेडेड आइबिस, रेड नेपड आइबिस, नॉर्थेर्न शोवलर, कॉमन टील, ब्लैक हेडेड बंटिंग, रेड हेडेड बंटिंग, ब्रह्मिनी शेल्डक, ब्लू थ्रोट, लैसर वाइट थ्रोट, ग्रीन सैंडपीपर, पेंटेड स्टोर्क, ब्राउन हेडेड गल्ल, ब्लैक हेडेड गल्ल, पर्पल हेरॉन, लार्ज कोर्मोरेंट, साइबेरियन स्टोन चैट, कॉमन चिफचैफ, यूरेशियन कूट, स्पॉट बिल डक, इंडियन थिकनी आदि पक्षी चिन्हित किए गए। गणना के दौरान संकटग्रस्त प्रजातियों में सारस क्रेन, पेंटेड स्टोर्क, ओरिएंटल डार्टर, अलेक्सेंड्रिन पैराकीट, ब्लैक हेडेड आइबिस आदि को भी चिन्हित किया गया है।

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दुर्लभ पक्षी चिन्हित

इसके साथ ही गणना के दौरान दुर्लभ पक्षी फायर कैप्ड टिट को चिन्हित किया गया। यह पक्षी 10 सेमी का होता है जो ठंड के दौरान प्रवास कर हिमालय से निचले क्षेत्रों में प्रवास करता है। यह पक्षी 1800 मीटर से 2600 मीटर की ऊंचाई पर घोंसले बनाते हैं। इसके सर पर लाल निशान होता है जिसके कारण इसे फायर कैप्ड टिट कहा जाता है। रामसर साइट भोज वेटलैंड यानी बड़ा तालाब के आसपास पाई जाने वाली तितलियों की प्रजातियों को लेकर सर्वे किया गया। छह माह तक चले इस सर्वे में तितलियों की 86 प्रजातियां चिन्हित की गईं, जिनकी संख्या लगभग 32 हजार रही। इस सर्वे में उद्यानों, नर्सरियों, आइआइएफएम, मानव संग्रहालय जैसे कई कैंपसों को भी शामिल किया गया।

सर्वे की खास बात यह रही कि इसमें तितलियों के जीवन चक्र जैसे अंडे, केटरपिल्लर, प्यूपा आदि को भी क्षेत्रवार चिन्हित किया गया। सर्वे भोपाल बर्ड्स, जैवविविधता बोर्ड, आरएमएनच और वीएनएस नेचर सेवियर ने किया। इसमें कॉमन ब्रांडेड स्विफ्ट, कॉमन बैंडेड आल, एंगल्ड पिर्रो, कॉमन शॉट सिल्वर लाइन, ग्रास ज्वेल, लार्ज ओक ब्लू, रेड पिर्रो, अनामल्स नवाब, कमांडर, प्लंम् जूडी, कॉमन स्वॉर्ड टेल, पायोनीर, टेल्ड जे प्रजातियां दिखाई दीं। ये सभी दुर्लभ हैं। भोपाल में पहली बार अनालोमस नवाब भी दिखी।

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