Organ Donation: जीते जी अंगदान करने में महिलाएं आगे, पुरुष मृत्यु के बाद करते हैं ऑर्गन डोनेट
Organ Donation: यह खुलासा नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (नोटो) की सालाना रिपोर्ट में हुआ, किडनी ट्रांसप्लांटेशन से 63% पुरुषों को मिला जीवन
Organ Donation: मृत्यु के बाद अंगदान के मामले में पुरुष आगे हैं, जबकि जीते जी अंग दान कर किसी करीबी की जिंदगी बचाने में महिलाएं आगे हैं। यह खुलासा नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (नोटो) की सालाना रिपोर्ट में हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में 1,099 कैडेवर (ब्रेन डेड) डोनेशन हुए। इनमें से 77 फीसदी यानी 844 पुरुष थे। वहीं 15,436 लोगों ने जीते जी अपने परिवार को अंगदान किए। इनमें 63 फीसदी महिलाएं थीं।
रिपोर्ट ने मध्य प्रदेश के लोगों में अंगदान के प्रति उदासीनता बयान की है। तेलंगाना में 200 कैडेवर डोनेशन हुए, वहीं मध्यप्रदेश में यह आंकड़ा सिर्फ आठ रहा। रिपोर्ट के मुताबिक अंगदान से नया जीवन पाने वालों में महिलाओं से पुरुष काफी आगे हैं।
कुल अंगदान के 63 फीसदी अंगों से 8,486 पुरुष मरीजों को नया जीते जी अंगदान करने में महिलाएं आगे, पुरुषों में मृत्यु के बाद ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांटेशन से 63% पुरुषों को मिला जीवन जीवन मिला। वहीं सिर्फ 4,993 महिलाएं (37 फीसदी) इसका लाभ ले सकीं। बीते साल सिर्फ एक ट्रांसजेंडर का अंग प्रत्यारोपण हो सका। इसी तरह सिर्फ एक ट्रांसजेंडर ने जीते जी अंगदान किया गया।
रिपोर्ट में बताया गया कि देश में चार प्रकार के अंग प्रत्यारोपण में बहुत काम करने की जरूरत है। इनमें हार्ट, लंग, पेंक्रियाज व स्मॉल बाउल शामिल हैं। इन चारों ट्रांसप्लांटेशन में दक्षिण के राज्य आगे हैं। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत उत्तर भारत पीछे हैं। कुल 233 हार्ट ट्रांसप्लांट में सबसे ज्यादा 70 तमिलनाडु में हुए। करीब 150 लंग ट्रांसप्लांट में से 75 तेलंगाना में हुए। राजस्थान में सिर्फ एक हार्ट और एक लंग ट्रांसप्लांट हुआ। एमपी, छत्तीसगढ़ का खाता तक नहीं खुला।