जाते-जाते तीन जिंदगियां की रोशन
गिरीश यादव को जब जब डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित किया तो उनके बड़े बेटे विनय यादव ने परिवार के लोगों से परामर्थ कर पिता के अंगों को दान करने का फैसला लिया। इसके बाद गिरीश यादव की एक किडनी बंसल अस्पताल, दूसरी किडनी एम्स भोपाल और लिवर इंदौर भेजा गया। इसके लिए शुक्रवार को भोपाल में बंसल अस्पताल से एम्स तक एक ग्रीन कॉरिडोर बना तो वहीं दूसरा ग्रीन कॉरिडोर बंसल अस्पताल से इंदौर तक बनाया गया। बेटे विनय ने बताया कि उनके पिता गिरीश यादव बुधनी में एडवोकेट थे और अपना पूरा जीवन लोगों की भलाई व समाज सेवा में खर्च किया। यही वजह रही कि हमने उनकी देह से अंगदान करने का निर्णय लिया है, ताकि पिता जी का शरीर शांत होने के बाद भी किसी के काम आ सके। यह भी पढ़ें