भोपाल

कर्मचारियों को बड़ा नुकसान, सरकार ने कम किया एक इंक्रीमेंट, औसतन ढाई लाख रुपए तक का लगेगा झटका

MP increment news कर्मचारियों का एक इंक्रीमेंट कम कर दिया गया है।

भोपालSep 29, 2024 / 04:34 pm

deepak deewan

Order to cut one increment of forest department rangers in MP

मध्यप्रदेश में कर्मचारियों को सरकार की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। प्रदेश के वनरक्षकों के बाद अन्य कर्मचारियों को भी खासा आर्थिक नुकसान हो रहा है। कर्मचारियों का एक इंक्रीमेंट कम कर दिया गया है। इंक्रीमेंट कम करने आदेश इसी माह से लागू किए जाने की बात कही गई है। सरकार का कहना है कि इन कर्मचारियों को ट्रेनिंग पीरियड में इंक्रीमेंट दिया गया था जोकि गलत था। यह राशि अब वसूली जाएगी। करोड़ों रुपए की इस वसूली की कवायद भी शुरु कर दी गई है। हालांकि​ इससे कर्मचारियों ने नाराजगी व्यक्त की है। करोड़ों की वसूली को अनुचित बताते हुए कर्मचारियों ने कहा कि इंक्रीमेंट देने मेें हमारी गलती नहीं है।
मध्यप्रदेश के वन विभाग के कर्मचारियों पर प्रदेश के वित्त विभाग की नजर टेढ़ी हो गई लगती है। वनरक्षकों के बाद विभाग के वन क्षेत्रपालों यानि रेंजरों पर मुसीबत आ गई है। वित्त विभाग ने वन विभाग के रेंजरों का एक इंक्रीमेंट काटने का आदेश दिया है। वित्त विभाग ने कहा है कि रेंजरों को ट्रेनिंग के दौरान इंक्रीमेंट दिया गया जोकि गलत है।
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ट्रेनिंग पीरियड में इंक्रीमेंट देने पर रोक लगाते हुए वित्त विभाग ने रेंजरों को दी गई राशि की रिकवरी यानि वसूली की कवायद भी शुरु कर दी है। रेंजरों का एक इंक्रीमेंट कम कर दिया गया है। इसके साथ ही दी गई राशि भी वसूली जाएगी। रेंजरों को ज्यादा दी गई राशि के रूप में 45 हजार रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक वसूले जाएंगे। कुल 741 रेंजरों से यह वसूली की जाएगी। इस प्रकार रेंजरों को औसतन 2.50 लाख रुपए का झटका लगेगा।
बता दें कि वित्त विभाग ने वन रक्षकों से भी वसूली के आदेश दिए हैं। इन्हें 5680 का वेतन बैंड दे दिया गया था जिसे वित्त विभाग ने गलत बताया है। अब प्रदेशभर में 6592 वनरक्षकों से अतिरिक्त राशि की वसूली की जा रही है। कुल 162 करोड़ रुपए वसूलने के लिए वित्त विभाग ने हर माह वेतन से राशि काटने के निर्देश दिए हैं। अतिरिक्त राशि के साथ 12 प्रतिशत का ब्याज भी देना होगा। ऐसे में वनरक्षकों को 1.50 लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक का नुकसान हो रहा है।
इधर वन कर्मचारियों और उनके संगठनों के पदाधिकारियों का कहना कि वित्त विभाग के पुराने निर्णय के आधार पर ही वेतन बैंड दिया गया था। इसकी गलत व्याख्या कर अब वसूली की जा रही है। संगठनों ने इसे फिलहाल रोकने की मांग की है। वन कर्मचारी संघ का कहना है कि जंगल और वन्यप्राणियों की सुरक्षा में दिन रात जुटे वनरक्षकों के साथ ऐसा बर्ताव उचित नहीं है। कर्मचारी संघ ने इस मामले में हाईकोर्ट में जाने की भी बात कही है।

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