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भोपाल

MP में फिर उभरने लगा 2006 का खौफ, 28 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी- वीडियो में देखें अपने शहर का हाल

ORANGE Alert: भारी बारिश की चपेट में MP

भोपालAug 27, 2019 / 03:06 pm

दीपेश तिवारी

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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित मध्यप्रदेश के अधिकांश जिले इस दिनों भारी बारिश की चपेट में बने हुए हैं। जिसके चलते कई क्षेत्रों में जीवन अस्तव्यस्त स्थिति में आता जा रहा है।

बताया जाता है बारिश और बाढ़ के कहर ने न सिर्फ मध्यप्रदेश की जनता बल्कि प्रशासन के बीच भी डर का माहौल फैला दिया है, जिससे प्रशासन लगातार लोगों को सतर्क करने में लगा है। मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के बाद से ही प्रशासन लोगों को घरों में रहने और नदी नालों से दूरी बनाए रखने की अपील कर रहा है।
मध्य प्रदेश में लगातार बनी हुई बारिश की संभावना के बीच मौसम विभाग की ओर से एक बार फिर भारी वर्षा की href="https://www.patrika.com/bhopal-news/mp-rail-track-damage-due-to-heavy-rain-1347257/" target="_blank" rel="noopener">चेतावनी जारी की गई है। जिसके तहत प्रदेश के 52 जिलों में से 28 जिलों के लिए आॅरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं इनके अलावा करीब 15 और जिलों में गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना दर्शाई गई है।

ऑरेंज अलर्ट: Orange Alert
मध्य प्रदेश के रायसेन, राजगढ,गुना, अशोकनगर,नीमच, मंदसौर, रतलाम, आगर, शाजापुर, उज्जैन, देवास,इंदौर, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, बडवानी, खरगौन, बुरहानपुर,खंडवा, होशंगाबाद,हरदा, सिवनी, बालाघाट,मंडला,नरसिंहपुर, सागर,शिवपुरी,श्योपुरकलां जिलों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा भारी वर्षा के साथ ही कहीं कहीं अतिभारी वर्षा भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए, मौसम विभाग की ओर से इन जिलों में आॅरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
गरज चमक के साथ बौछारें…
वहीं मौसम विभाग की माने तों भोपाल,विदिशा, सीहोर,इंदौर, धार, खंडवा, खरगौन, अलीराजपुर, झाबुआ, बडवानी,बुरहानपुर, उज्जैन, रतलाम, शाजापुर, आगर, देवास, नीमच,मंदसौर,होशंगाबाद, बैतूल, हरदा, पन्ना, सागर, टीकमगढ, दमोह, पन्ना, सागर, टीकमगढ, दमोह,छतरपुर, गुना, ग्वालियर, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, छिंदवाडा, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, नरसिंहपुर, सिवनी, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, श्योपुरकलां, भिण्ड, मुरैना,अनूपपुर, डिंडोरी, उमरिया, शहडोल व कटनी जिलों में भी अधिकांश स्थानों पर गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।
ऐसे समझें भोपाल का हाल…
वहीं भोपाल में पिछले कई दिनों से लगी वर्षा की झड़ी के बाद आज मंगलवार को शहर में धूप खिली। भले ही आसमान से सूर्यदेव की दर्शन आज हुए हों, लेकिन बादलों की आवाजाही अब भी आकाश में साफ देखने को मिल रही है। जिसके चलते उमस का अहसास हुआ। वहीं सोमवार को हुई बारिश के चलते कई कॉलोनियों की सड़कें तक पानी में डूब गईं थी।
मानसूनी सिस्टम सक्रिय…
बताया जाता है कि पूरे मध्यप्रदेश में मानसून के पांच सिस्टम एक बार फिर एक्टिव हो गए हैं। इससे सोमवार को भोपाल समेत 29 जिलों में झमाझम बारिश हुई।

: मानसून ट्रफ लाइन बीकानेर, सीकर से लेकर बंगाल की खाड़ी तक बनी।
: चक्रवाती हवा का घेरा 0.9 किमी से 7.6 किमी ऊंचाई तक उत्तरी ओडिशा एवं उससे लगे पश्चिम बंगाल के गंगा के क्षेत्र तथा झारखंड के बीच बना है। यह पश्चिम दिशा की ओर झुका है।
: पूर्वी पश्चिमी सियर जाेन 20 डिग्री उत्तरी अक्षांश पर है जो मध्य भारत से गुजर रहा है
: 28 अगस्त को हवा के कम दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में बन सकता है।
: पूर्वी मध्य अरब सागर में हवा के ऊपरी भाग में 3.1 किमी ऊपर चक्रवाती हवा का घेरा है।
बताया जाता है बारिश और बाढ़ के कहर ने न सिर्फ मध्यप्रदेश की जनता बल्कि प्रशासन के बीच भी डर का माहौल फैला दिया है, जिससे प्रशासन लगातार लोगों को सतर्क करने में लगा है। मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के बाद से ही प्रशासन लोगों को घरों में रहने और नदी नालों से दूरी बनाए रखने की अपील कर रहा है।
भोपाल में लगातार हो रही बारिश के चलते लोग काफी हद तक खबरा गए है। यहां तक की कई लोग इस बारिश की तुलना 2006 की में 14 – 15 अगस्त व 17-18 अगस्त की मध्यरात्रि को हुई बारिश से भी कर रहे हैं। जानकारों का मानना है कि इस बार भी भोपाल में वहीं पूराने बाढ़ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। आज भले ही बारिश न हुई हो, लेकिन जिस तरह के हालात बने हुए हैं,ऐसे में भोपाल में 2019 की पुनरावृत्ति से इंकार नहीं किया जा सकता। जानकारों की मानें तो 28 अगस्त को हवा के कम दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में बन सकता है। जिसके चलते एक बार फिर प्रदेश पर पानी के रूप में आफत बरस सकती है।
ये हुआ था 2006 में…
वर्ष 2006 में 14-15 अगस्त की मध्य रात्रि हुई बारिश के चलते सड़कों पर कई फीट पानी भर गया था,यहीं नहीं लोगों की कारें व वाहन तक इस पानी की चपेट में आने से कई किलोमीटर दूरी तक बह गए थे।
इस समय मानसून ने रौद्र रूप धारण कर लिया था। राजधानी भोपाल समेत आधा राज्य पानी की चपेट में होने के साथ ही कई नदिया उफान पर आ गईं। जानकारी के मुताबिक बारिश के कहर से कई मौतें भी हुईं थी। भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात हो गए।
वहीं इन दोनों दिनों में रात तक कार्य करने वाले कई कर्मचारी अपने ही कार्यालयों में रात बिताने को तक मजबूर हो गए थे। जिसके बाद वे अगले दिन ही घर जा सके थे।

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