बताया गया कि जिस जमीन पर फायर स्टेशन बना हुआ है वह रेलवे की है। इस भवन मेट्रो लाइन में भी आ रहा है। जिसके चलते इसे तोड़ा जाना है,लेकिन दो साल से चल रही तोडऩे की प्रक्रिया के चलते इस स्टेशन का मेंटेनेंस का काम भी नहीं हो रहा है। जिस तरह बारिश का गहर बरपा है, कभी भी इसका कोई हिस्सा गिर सकता है। इसमें रहने वाले सरकारी कर्मचारी होने के नाते खुलकर विरोध भी नहीं कर पा रहे है, जबकि परिजन परेशान हैं।
इनका कहना
बोगदापुल के फायर स्टेशन का भवन काफी जर्जर हो चुका है। यह रेलवे की जमीन पर आता है। यहां से मेट्रो ट्रेन भी चलना है। उसके प्लान में भी यह हिस्सा आ रहा है। जब उसका कार्य यहां से शुरू होगा तो इसे तोड़ दिया जाएगा। इसी कारण अभी इसमें कोई कार्य नहीं हो पा रहे हैं।
-रामेश्वर नील, फायर ऑफिसर, नगर निगम