उच्च शिक्षा विभाग के एक आदेश ने कॉलेजों के विद्यार्थियों की मुसीबत बढ़ा दी है। इसके अनुसार परीक्षाओं में अब वही स्टूडेंट्स शामिल हो सकेंगे जिनकी अपार (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) आइडी होगी। इस आइडी के लिए सभी रेगुलर और प्राइवेट स्टूडेंट्स को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यह व्यवस्था केंद्र की वन नेशन वन स्टूडेंट आइडी स्कीम में लागू की गई है।
बिना किसी प्रशिक्षण के एकाएक जारी नई नीति ने छात्रों की दुविधा बढ़ा दी है। कई कॉलेजों में तो परीक्षा फॉर्म भरने की अंतिम तिथियां भी नजदीक आ चुकी है लेकिन विद्यार्थी आइडी बनाने की जुगत में भटक रहे हैं।
विश्वविद्यालय के आदेश से परेशान
छात्र बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने परीक्षा में शामिल होने के लिए इसे अनिवार्य किया है। परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान विद्यार्थियों को दिक्कतें आ रही हैं, उन्हें इसके लिए कोई प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया है। दूसरी ओर बीयू ने यूजी के फार्म जमा करने की तारीख 1 अप्रेल तय की है। ऐसे में विलंब होने पर उन्हें 4 हजार रुपए विलंब शुल्क चुकानी पड़ सकती है। वहीं भोपाल के शासकीय हमीदिया पीजी कॉलेज में छात्रों की समस्या को देखते हुए ट्रेनिंग आयोजित की जा रही है।
ये है अपार आइडी
अपार आइडी ‘वन नेशन, वन स्टूडेंट आइडी कार्ड’ है जिसमें छात्रों का पूरा शैक्षणिक डेटा जैसे पुरस्कार, डिग्री, छात्रवृत्ति और अन्य क्रेडिट डिजिटली उपलब्ध होगी।
अपार कार्ड में 12 अंकों की एक विशिष्ट पहचान संख्या होगी। इसे छात्रों के आधार कार्ड से भी लिंक किया जाएगा। छात्र अपार कार्ड पंजीकरण करने के बाद कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।
यह आइडी कार्ड विद्यार्थी का परमानेंट नंबर है जिसमें उसकी आजीवन शैक्षणिक गतिविधियां दर्ज होंगी। इससे उनके स्थानांतरण में भी संस्थान व छात्रों को आसानी होगी।
हमारी आईटी टीम लगी है। छात्र-छात्राओं को जो भी समस्या आ रही है। उसका समाधान किया जा रहा है। आगे की स्थिति देखने के बाद ही परीक्षा फॉर्म की तारीख पर कोई निर्णय लिया जाएगा।
छात्र निराश न हो और किसी के चक्कर में न पड़े। कॉलेज से संपर्क करें। हम भी मदद के लिए तैयार हैं। किसी को वंचित नहीं होने देंगे।