भोपाल

ओमिक्रॉन वाले राज्यों से घिरा मध्यप्रदेश, 62 को कोरोना, आधे घर तो आधे अस्पताल में भर्ती

इन राज्यों से होने वाली आवाजाही पर किसी प्रकार की रोक टोक नहीं होने के कारण हर दिन एमपी में ओमिक्रॉन की दस्तक का भय बना रहता है, ऐसे हालातों के बावजूद भी लोग सतर्क नहीं हो रहे हैं.

भोपालDec 20, 2021 / 08:00 am

Subodh Tripathi

भोपाल. मध्यप्रदेश जिन राज्यों से घिरा है, उन राज्यों में ओमिक्रॉन की दस्तक हो चुकी है, ऐसे में इन राज्यों से होने वाली आवाजाही पर किसी प्रकार की रोक टोक नहीं होने के कारण हर दिन एमपी में ओमिक्रॉन की दस्तक का भय बना रहता है, ऐसे हालातों के बावजूद भी लोग सतर्क नहीं हो रहे हैं, राजधानी के बाजारों में लोग ऐसे घूम रहे हैं, जैसे कोरोना खत्म हो गया हो, जबकि वर्तमान में भोपाल में पांच दर्जन से अधिक एक्टिव केस हैं, जिसमें से आधे मरीज अस्पताल में तो आधे घर पर भर्ती हैं।

ओमिक्रॉन की चेतावनी के बावजूद शहर के बाजारों में भीड़ है। सोशल डिस्टेंसिंग कहीं नजर नहीं आती। मास्क भी लापरवाहीपूर्वक लगाते हैं। भोपाल में अभी 62 एक्टिव केस हैं, जिसमें से 29 होम आइसोलेशन में हैं और 33 अस्पताल में भर्ती हैं। चार सैंम्पल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए हैं, इनके परिणाम आना बाकी है। एेसे में बाजारों में लापरवाही ठीक नहीं है, खासकर बच्चों को लेकर। जिन पॉजिटिव के जीनोम सीक्वेंसिंग सैम्पल भेजे गए हैं, उन्हें काटजू अस्पताल में अलग रखा है। तीसरी लहर की आशंका के बीच रेंडमली ऑक्सीजन प्लांटों की जांच होगी।

सब्जी मंडी, रजिस्ट्री दफ्तर कहीं पालन नहीं
कोविड गाइडलाइन के पालन कराने में कहीं भी लोग जागरूक नहीं हो रहे। सब्जी मंडी, हाट बाजारों में जमकर भीड़ देखी जा सकती है। वहीं, आइएसबीटी स्थित रजिस्ट्री दफ्तर तक में कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा। सब्जी दुकानदार तो मास्क लगाते ही नहीं है। मास्क को लेकर किए जाने वाले जुर्माने सड़क पर पुलिस तो करने लगी है, लेकिन प्रशासन का अमला भी जांच नहीं कर रहा। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने लोगों से अपील की है कि वे कोविड गाइडलाइन का पालन करें।

सीमावर्ती राज्यों में ओमिक्रॉन, यहां से बेरोकटोक हो रही आवाजाही
मध्यप्रदेश की सीमा से सटे हुए राजस्थान, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात में ओमिक्रॉन ने दस्तक दे दी है, लेकिन इन राज्यों से लोगों का बस, ट्रेन और निजी वाहनों से बेरोकटोक आना-जाना जारी है। लोगों को न तो होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है और न ही आरटीपीसीआर जांच की जा रही है। इससे प्रदेश में भी ओमिक्रॉन का खतरा बढ़ता जा रहा है। दूसरी लहर भी महाराष्ट्र और गुजरात की सीमाओं से प्रदेश में प्रवेश की थी।

यह है स्थिति
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के नए केस पिछले माह से बढ़ रहे हैं। दो महीने पहले दस से 12 नए केस मिलते थे। अब औसतन बीस से 22 नए केस मिल रहे हैं। इंदौर-भोपाल में औसतन 8-10 केस प्रतिदिन मिल रहे हैं। भोपाल, इंदौर, जबलपुर से धीरे-धीरे कटनी, सिंगरौली, बैतूल और शहडोल जैसे अन्य छोटे जिलों में नए केस मिलने लगे हैं। हालांकि कोरोना संक्रमण की मारक क्षमता और लोगों की सक्रियता के चलते डेथरेट लगभग जीरो है। प्रदेश में जांचें भी बढ़ाई जा रही हैं। प्रदेश में हर दिन दो से तीन एक्टिव केस बढ़ रहे हैं। 20 नवंबर की बुलेटिन के अनुसार भोपाल, इंदौर में दो-दो नए केस मिले थे। कुल नए केस 11 थे। एक्टिव केस की संख्या 78 थी। 24 नवंबर से नए केस बढऩे लगे। एक्टिव केस सौ के पार हो गए। एक दिसम्बर से यह संख्या 125 के पास पहुंच गई।

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