भोपाल

मुझे भी चाहिए पेंशन

मानसून में हर कोई आह्वान कर रहा है। आइए प्रदेश को हरा-भरा बनाएं। बड़े पैमाने पर पौधरोपण अभियान चलाने की तैयारी है। अच्छी बात है। हर कोई बीज धरती में रोपे। लेकिन, इस मौके पर कोई बूढ़े पेड़ों का भी दर्द सुन ले।

भोपालJun 30, 2023 / 12:05 am

Mahendra Pratap

Bargad

भोपाल. मानसून में हर कोई आह्वान कर रहा है। आइए प्रदेश को हरा-भरा बनाएं। बड़े पैमाने पर पौधरोपण अभियान चलाने की तैयारी है। अच्छी बात है। हर कोई बीज धरती में रोपे। लेकिन, इस मौके पर कोई हम बूढ़े पेड़ों का भी दर्द सुन ले। पूरे शहर में हमारी आबादी उंगलियों पर गिनने लायक बची है। कोई हममें से २५० साल पुराना है तो किसी की उम्र १०० साल है। इस उम्र के हमारे बमुश्किल ८-१० साथी ही अब शहर में बचे हैं। लेकिन, अब हममें जान नहीं बची है। जिजीविषा है। इसलिए जिए जा रहे हैं। जिंदा रहें, सेहत ठीक रहे इसलिए हमें भी जीवन यापन के लिए पेंशन चाहिए। प्राण वायु का वाहक मानते हैं आप हमें। इसीलिए पेंशन के सम्मान के आकांक्षी हैं। सुन न रहे ना आप हम बूढ़ों की पुकार…।
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हरियाणा ने सुनी, आप भी सुनिए
हमें पता चला है हरियाणा सरकार ने बूढ़े पेड़ों को बचाने के लिए प्राण वायु देवता स्कीम शुरू की है। धन्य है वहां का वन विभाग। 75 साल पुराने पेड़ों को वहां पेंशन मिलेगी। जिस भी व्यक्ति के खेत, बाग में बूढ़े पेड़ हैं, उनके मालिकों को २५०० सालाना पेंशन दी जाएगी। यह राशि हमारी देखरेख में खर्च होगी।
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हम सबके दादा हैं खटलापुर मंदिर के बरगद
शहर में 100 साल की पीढ़ी वाले हम 8-10 पेड़ ही बचे हैं। खटलापुरा मंदिर पीएचक्यू के पास के प्रांगण में हमारे बरगद दादा रहते हैं। उनकी उम्र करीब २५० साल है। भोपाल टॉकीज चौराहे के पास बड़े बाग में ९० साल के इमली बाबा हैं। यहीं ६० साल के सेमल चाचा भी रहते हैं।
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शीतलदास के बगिया के बाबा को चाहिए प्राण वायु
हर साल जब आंधी-तूफान आती है। या फिर मानसून में बादल गरजता है तो हम सिहर जाते हैं। कोई सड़क बनती हैं तो हमें बेरहमी से काट डालते हैं। शीतल दास की बगिया के पास कमला पार्क में हमारे एक साथी चल बसे। एक बचे हैं। जर्जर हैं। उन्हें बचा लीजिए।
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बढ़ाइए हमारी वंशवृद्धि
हम बूढ़े पेड़ों को तो जीवनदान दीजिए ही। हमारी संतति भी बढ़ाइए। इस मानसून खूब पौधरोपण कीजिए ताकि हरियाली बनी रहे। ऑक्सीजन मिलती रहे। जिन्हें जन्म दीजिए उनकी सेवा भी तो कीजिए। बड़े-बुर्जुगों का ख्याल कीजिए। हम बूढ़ों का आशीर्वाद ही मिलेगा। शुभकामनाएं…
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ये हैं शहर के बुजुर्ग पेड़
उम्र – बरगद, करीब 250 साल
स्थान – छोटे तालाब स्थित खटलापुरा राम मंदिर में
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उम्र – करीब 200 साल
स्थान – पीपल,बड़ा तालाब किनारे शीतल दास की बगिया
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उम्र – इमली, करीब 90 साल
स्थान – बड़ा बाग, भोपाल टाकीज
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उम्र – बरगद, 100 साल
स्थान – हाथीखाना, बुधवारा
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पब्लिक कनेक्ट

प्लांटेशन ड्राइव के साथ पुराने पेड़ों को बचाना जरूरी है। घटते ग्रीन कवर से प्रदूषण बढ़ रहा है। अलग-अलग प्रोजेक्ट्स को मंजूरी देने से पहले हरियाली के बारे में सोचना होगा। पत्रिका की पहल हरित प्रदेश सराहानीय है।
– शिबानी घोष, पर्यावरणविद्
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पत्रिका अभियान से जुड़ें
पत्रिका हरित प्रदेश अभियान से जुडऩे के लिए पौधारोपण करें और अपनी तस्वीर हमें भेंजे। तस्वीर सोशल मीडिया….. पर भी शेयर कर सकते हैं। संगठन, समाज, राजनीतिक दल और नागरिक समूह भी पत्रिका के साथ मिलकर प्लांटेशन ड्राइव कर सकते हैं।
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ऐसे आंके हमारी उम्र
इंच में हमारे तने की परिधि को मापिए। परिधि में मिली संख्या को ३.१४ से भाग दे दीजिए। इससे हमारा व्यास निकल आएगा। शाखाओं की गोल धारियों की परिधि को व्यास से मैच कराएं। उम्र निकल आएगी।

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