भोपाल

सरकारी रास्ते पर कब्जा कर बंद किया, लोग परेशान

परिजनों की मृत्यु पर श्मशान, कब्रिस्तान तक जाने पहले रास्ता बनातें हैं फिर अंतिम संस्कार
राजधानी भोपाल के हुजूर विधानसभा क्षेत्र के वार्ड 85 में आने वाले पिपलिया कुंजनगढ़ के लोग मूलभूत सुविधाओं को मोहताज हैं। गांव तक पहुंचने के लिए सडक़ जर्जर है। नाली नहीं होने से घरों से निकलने वाला पानी, सीवेज गलियों में बहता है। इससे यहां से निकलना मुश्किल होता है। रहवासी इसी गंदगी के बीच से आना-जाना करते हैं।

भोपालJan 31, 2024 / 08:47 pm

Rohit verma

स्ट्रीट लाइट नहीं होने से शाम होते ही अंधेर छा जाता है, जिससे दुघर्टना की आशंका बनी रहती है। नगर निगम सीमा में होने के बाद भी न तो सफाई कर्मी पहुंचते हैं न कचरा उठता है। ऐसे में गांव की ओर जाने वाली सडक़ किनारे जगह-जगह कचरे का ढेर लगा है। पानी के लिए वर्षों पहले लगाया गया सरकारी बोर है पर मोटर बिगडऩे खुद ही मरम्मत करानी होती है। सरकारी हैंडपंप की मरम्मत नहीं किए जाने से वर्षों से बंद पड़ा है। लोग कचरा फेंकने लगे हैं। हैंडपंप कचरे के बीच होने से ऊपरी हिस्सा ही दिखाई दे रहा है। सामने लगाया गया दूसरा हैंडपंप बाउंड्री के अंदर है। उसका सामान निकाल लिया है। गर्मी के दिनों में पंप बंद होने पर ग्रामीणों को बूंद-बूंद के लिए मोहताज होना पड़ता है। हैंडपंप सुधरवाने, स्ट्रीट लाइट लगवाने, सडक़ बनवाए जाने के साथ ही सरकारी सडक़ पर लोगों द्वारा किए गए कब्जे को हटवा कर सडक़ बनवाने की मांग की है।
सरकारी रास्ते पर कब्जा का रोक रहे हैं राह
ग्रामीणों ने बताया कि कुछ लोगों ने गांव के सरकारी रास्ते पर अतिक्रमण कर रास्ता रोक रखा है। हमारे दादा-परदादा के समय से रापडिय़ा रोड से पिपलिया कुंजनगढ़ होते हुए चिकलोद को जाने वाली मुख्य सडक़ तक सरकारी रास्ता था। इस पर किसानों ने अतिक्रमण कर फसल बो रखी है। कुछ दूर जाने के बाद आगे रास्ता बंद है, जिससे पैदल भी नहीं आ-जा पाते। गांव से मुख्य मार्ग आधा किमी है, रास्ता नहीं होन से लोगों को करीब तीन किमी चक्कर काट कर मुख्य मार्ग तक पहुंचना होता है।
पहले रास्ता बनाते हैं फिर श्मशान पहुंचते हैं
ग्रामीणों ने बताया कि परिजनों की मृत्यु होने पर उनके अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट और कब्रिस्तान लेकर जाते हैं। इन दोनों स्थानों पर जाने के लिए परिजनों को पहले रास्ता बनाना पड़ता है, इसके बाद अंतिम संस्कार करने श्मशान घाट, कब्रिस्तान तक पहुंचते हैं। ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि वर्षों से हम लोगों को मूलभूत समस्यों का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम में होने के बाद भी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। कई बार जिम्मेदारों को अवगत करा चुके हैं फिर भी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोगों ने कहा कि जल्द से जल्द इन रास्तों से कब्जा हटवाकर रोड बनवाई जाए।
नदी तक पहुंचना मुश्किल
ग्रामीणों ने बताया कि घर में होने वाले शादी व्याह, धार्मिक आयोजन, क्रिया कर्म आदि के लिए गांव के बाहर बहने वाली नदी पर जाते हैं। सावन में होने वाले भुजरिया पर्व पर महिलाएं जवारे विसर्जन के लिए नदीं पर जाती हैं। रास्ता बंद होने से महिलाओं, बच्चों को खेतों की मेढ़ से आवाजाही करनी पड़ती है। ग्रामीणों का कहना है गर्मी के दिनों में मवेसियों को पानी पिलाने नदी ले जाते थे, रास्ता बंद होने से कारण गर्मी के दिनों में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
रापडिय़ा रोड से पिपलिया कुंजनगढ़ गांव तक करीब आधा किलोमीटर की दूरी तय करना ग्रामीणों के लिए भारी पड़ रहा है। सडक़ पर गड्ढे होने से वाहन तो दूर पैदल चलना मुश्किल हो रहा है। जिम्मेदारों को कई बार समस्याओं से अवगत करा चुके हैं। इसके बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
दुलारे मियां, रहवासी, पिपलिया कुंजनगढ़, पुरानी बस्ती
हमारे गांव में अब तक कोई काम नहीं हुआ। रापडिय़ा रोड से चिकलोद सडक़ को जोडऩे वाला वर्षों पुराना सरकारी रास्ते पर लोगों ने कब्जा कर फसल बो रखी है। रास्ता बंद होने से आवाजाही में भारी परेशानी होती है। ग्रामीणों को मुख्य मार्ग तक पहुंचने के लिए आधा किमी के बजाय तीन किमी चक्कर लगाना पड़ रहा है।
पप्पू मीना पंडा, रहवासी, पिपलिया कुंजनगढ़, पुरानी बस्ती
स्ट्रीट लाइट नहीं होने से शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। सडक़ पर गड्ढे होने से आवाजाही मुश्किल होती है। गांव से नदी, कब्रिस्तान, श्मशान तक जाने वाले सरकारी रास्ते पर लोगों ने कब्जा कर रखा है, जिससे आने-जाने के लिए रास्ता ही नहीं बचा। इससे ग्रमीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मुनव्वर मियां, रहवासी, पिपलिया कुंजनगढ़, पुरानी बस्ती
गांव से श्मशान घाट, कब्रिस्तान तक जाने वाले रास्ते पर लोगों ने कब्जा कर रखा है। इसे हटवाकर रास्ते को खुलवाया जाए और रास्ते को बनवाया जाए, ताकि लोगों को परिजनों के अंतिम संस्कार में आने वाली परेशानी से निजात मिल सके। अभी किसी की मौत होने पर लोगों को पहले रास्ता बनाना पड़ता है।
रकीब खान, रहवासी, पिपलिया कुंजनगढ़, पुरानी बस्ती

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