शुक्रवार को शुरू हुई कांग्रेस की आभार यात्रा को रवाना करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोला। कमलनाथ ने कहा कि शिवराज कहते रहे कि मैं ओबीसी वर्ग का रक्षक हूं और आज क्या स्थिति है? इन्होंने कभी भी पिछड़े वर्ग को 27% आरक्षण का लाभ नहीं दिया। जब हमारी सरकार प्रदेश में आई तो हमने इसे लागू किया और अब यह इसका झूठा श्रेय लेना चाहते हैं, अब जनता खुद फैसला करेगी।
कमलनाथ ने कहा कि यह भावनाओं की बात थी, मुंह चलाने से काम नहीं चलता, यह दिल की बात थी, हमारी नियत थी, भावना थी, उसके अनुसार ही हमने पिछड़े वर्ग के लिए 27% आरक्षण को लागू किया। अब भाजपा झूठा श्रेय लेने का प्रयास कर रही है, हमें श्रेय की नहीं, सच्चाई की आवश्यकता है। उम्मीद करता हूं कि इस सच्चाई को लोग पहचानेंगे।
इन जिलों में जाएगी यात्रा
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कमलनाथ सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच रखा जाएगा और भाजपा के झूठ की पोल खोली जाएगी। कांग्रेस की यह यात्रा 10 से 18 सितंबर तक जारी रहेगी। यह यात्रा जिन 15 जिलों में जाएगी, उनमें भोपाल से सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, दतिया, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर और विदिशा शामिल हैं। मध्यप्रदेश कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य राजमणि पटेल का कहना है कि यात्रा के दौरान प्रदेश की बीजेपी सरकार के झूठ और फरेब को उजागर किया जाएगा।
भाजपा ने कसा तंज
इधर, कांग्रेस की शुक्रवार को शुरू हुई आभार यात्रा को लेकर भाजपा ने तंज कसा है। भाजपा नेता एवं प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग कहते हैं कि मैंने ऐसी यात्रा पहली बार देखी। इसमें कमलनाथ खुद दूल्हा बने और खुद ही बारात में नाच रहे हैं। यह कैसी आभार यात्रा। जिसमें खुद ही झंडी दिखा रहे हैं। यह बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना जैसा है।
कोर्ट में है चयनित शिक्षकों का मामला
इधर, ओबीसी आरक्षण पर कोर्ट में स्टे होने के कारण चयनित शिक्षकों की भर्ती अटकी पड़ी है। हालांकि बाकी भर्ती और परीक्षाओं में 27 फीसदी आरक्षण को लागू कर दिया गया है, लेकिन यह 6 प्रकरण कोर्ट में 27 फीसदी करने पर रोक लगी होने से यह मामला लंबित है। इसकी अंतिम सुनवाई 20 सितंबर को होगी। इसके फैसले के बाद ही चयनित शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया आगे बढ़ पाएगी।
ऐसे उलझता गया मामला
शिवराज सरकार ने शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा निकाली थी। इसके बाद कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में इसकी परीक्षा हुई और रिजल्ट आ गया और इसी बीच कमलनाथ सरकार गिर गई और फिर शिवराज सरकार आ गई। शिवराज सरकार में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई सभी चयनित उम्मीदवारों के दस्तावेजों का वेरीफिकेशन शुरू हुआ, लेकिन कोरोनाकाल में परिवहन सुविधा बंद हो जाने के कारण यह प्रक्रिया रोक दी गई। इसके बाद दूसरी लहर के दौरान यह प्रक्रिया दोबारा शुरू हुई और सभी का वेरीफिकेशन कर लिया गया। जब ज्वाइनिंग की तैयारी की जा रही थी और फाइनल लिस्ट निकलने ही वाली थी, तभी 14 से 27 फीसदी बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण को लेकर कोर्ट में स्टे लग गया। इसके बाद से तारीखों पर तारीख मिलती जा रही है। ताजा हालात यह हैं कि इस मुद्दे पर 20 सितंबर को अंतिम सुनवाई के लिए सभी पक्षों को बुलाया गया है।