देशभर से श्रद्धालु महाकाल मंदिर में सुबह होने वाली भस्म आरती को देखने आते हैं। हर दिन 1800 लोग भस्म आरती में ऑनलाइन या ऑफ़लाइन और भस्म आरती के लिए प्रोटोकॉल के माध्यम से प्रवेश करते हैं। जिसका प्रबंधन महाकालेश्वर मंदिर समिति की ओर से किया जाता है। अब ज्यादा से ज्यादा लोगों को भस्म आरती से जोड़े जाने की तैयारी की जा रही है।
ऐसे देख सकेंगे भस्म आरती
उज्जैन और इंदौर रेलवे स्टेशन पर वीआर तकनीक के जरिए भस्म आरती देखने की सुविधा शुरू की जा रही है। यह वीआर हेडसेट है, जिसे सिर पर पहना जाता है। फिर उसमें लाइव जैसी भस्म आरती का वर्चुअल नजारा देखने को मिलता है। आपको ऐसा लगेगा जैसे आप महाकाल के गर्भगृह में ही खड़े होकर भस्म आरती देख रहे हैं। इस वीआर सेट को आप 360 डिग्री घूमाकर भी मंदिर के आसपास का नजारा देख सकते हैं।
उज्जैन और इंदौर रेलवे स्टेशन पर वीआर तकनीक के जरिए भस्म आरती देखने की सुविधा शुरू की जा रही है। यह वीआर हेडसेट है, जिसे सिर पर पहना जाता है। फिर उसमें लाइव जैसी भस्म आरती का वर्चुअल नजारा देखने को मिलता है। आपको ऐसा लगेगा जैसे आप महाकाल के गर्भगृह में ही खड़े होकर भस्म आरती देख रहे हैं। इस वीआर सेट को आप 360 डिग्री घूमाकर भी मंदिर के आसपास का नजारा देख सकते हैं।
दो साल के लिए मिला कंपनी को कांट्रेक्ट
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक रेलवे स्टेशन के पहले प्लेटफॉर्म पर निजी कंपनी को जगह दी जाएगी। कंपनी ने 21 लाख रुपए में दो साल का कॉन्ट्रेक्ट दिया है। कंपनी ने पैसा भी जमा करा दिया। रेलवे ने इसके लिए प्लेटफॉर्म-1 पर जगह भी तय कर दी है। कंपनी ही किराया निर्धारित करके यात्रियों को सुविधा प्रदान करगी। पर्यटक महाकाल मंदिर की भस्म आरती के अलावा ओंकारेश्वर मंदिर और मांडू मंदिर के यात्री देख सकेंगे। उज्जैन के अलावा इंदौर स्टेशन पर भी यात्रियों को यह सुविधा मिलेगी।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक रेलवे स्टेशन के पहले प्लेटफॉर्म पर निजी कंपनी को जगह दी जाएगी। कंपनी ने 21 लाख रुपए में दो साल का कॉन्ट्रेक्ट दिया है। कंपनी ने पैसा भी जमा करा दिया। रेलवे ने इसके लिए प्लेटफॉर्म-1 पर जगह भी तय कर दी है। कंपनी ही किराया निर्धारित करके यात्रियों को सुविधा प्रदान करगी। पर्यटक महाकाल मंदिर की भस्म आरती के अलावा ओंकारेश्वर मंदिर और मांडू मंदिर के यात्री देख सकेंगे। उज्जैन के अलावा इंदौर स्टेशन पर भी यात्रियों को यह सुविधा मिलेगी।