राष्ट्रीयकृत बीमा कंपनी के अफसरों के मुताबिक, उनकी कंपनी 4 स्तर के साइबर फ्रॉड को कवर कर रही है। 15 हजार से शुरुआत है और अधिकतम एक लाख का फ्रॉड कवर है। व्यक्तिगत रूप से पॉलिसी है। अभी कंपनी या संस्था के लिए पॉलिसी नहीं है। हालांकि कुछ नियम शर्तों के साथ पॉलिसी लाई गई है। साइबर एक्सपर्ट चातक वाजपेयी के मुताबिक, पॉलिसी आना लोगों के लिए राहत की खबर है। नियम, शर्तों की पूरी जानकारी लेकर पॉलिसी लेनी चाहिए। फ्रॉड होने पर कंपनी क्लेम देने में दिक्कत देती है, इसलिए सावधानी रखना जरूरी है।
प्रदेश में 5 साल में साइबर ठगी के 1643 केस
पुलिस के मुताबिक, पिछले पांच साल में प्रदेश में साइबर ठगी के 1643 केस 60 पुलिस थानों में दर्ज हुए हैं। इसमें 71 करोड़ 7 लाख 17 हजार 498 रुपए की धोखाधड़ी हुई है। तुरंत शिकायत पर राशि सीज कर दी जाती है। 80 प्रतिशत मामलों में राशि रिफंड नहीं हो पाती है। यह अधिकारिक मामले हैं, जबकि वास्तव फ्रॉड इससे काफी ज्यादा है। अधिकांश मामलों में केस ही दर्ज नहीं होते।
ऐसी है व्यवस्था – साइबर फ्रॉड शुल्क – 15000 तक 375 रुपए व टैक्स – 25 हजार तक 500 रुपए व टैक्स – 50 हजार तक 750 रुपए व टैक्स
कंपनी ने साइबर फ्रॉड को कवर करने के लिए हाल ही में पॉलिसी शुरू की है। व्यक्तिगत पॉलिसी है। इसमें किसी व्यक्ति के साथ साइबर फ्रॉड होता है तो कंपनी उसे मुआवजा देगी। पॉलिसी लागू कर दी गई है। लोग इसे ले रहे हैं।
– राजकुमार जैन, वरिष्ठ मंडल प्रबंधक, इंश्योरेंस कंपनी
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