मलमास की शुरुआत भले ही साल 2024 के आखिरी महीने में हो रही है, लेकिन इसकी समाप्ति 14 जनवरी 2025 में होगी। सूर्य द्वारा धनु राशि से निकलकर जब दूसरी राशि में प्रवेश किया जाएगा तो मलमास समाप्त हो जाएगा। ज्योतिर्विद पं. अजय कृष्ण शंकर व्यास ने बताया कि मलमास के दौरान शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। इनमें नया घर खरीदना या गृह प्रवेश मना है। नए व्यापार की शुरुआत न करें। शादी, मुंडन, जनेऊ, सगाई आदि कार्य न करें। 16 संस्कारों वाले कार्य करने की मनाही है।
उन्होंने बताया कि मलमास के दौरान क्या प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करें। पशु पक्षियों की सेवा करें। भगवान विष्णु और तुलसी पूजा करें। जप, तप और दान का भी खास महत्व है। गंगा या अन्य पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। मलमास के दौरान हर गुरुवार केले का दान करें।
मलमास की कथा: सूर्य के रथ की धीमी गति
मार्कण्डेय पुराण के अनुसार, सूर्य देव अपने सात घोड़ों के रथ पर ब्रह्मांड की अनवरत परिक्रमा करते हैं। उनके रथ के घोड़े निरंतर यात्रा के कारण प्यास और थकान से व्याकुल हो गए। सूर्य देव, जो कभी विश्राम न करने की प्रतिज्ञा कर चुके थे, उन्हें राहत देने का उपाय सोचने लगे। एक दिन उन्होंने एक तालाब के पास दो गधों (खर) को देखा। उनके मन में विचार आया कि जब तक घोड़े पानी पीकर विश्राम करते हैं, इन गधों को रथ में जोता जा सकता है। उन्होंने अपने सारथि अरुण को ऐसा करने का आदेश दिया। ये भी पढ़ें: PM Kisan Yojana: ‘फार्मर रजिस्ट्री’ होने पर ही मिलेंगे किस्त के रुपए, तुरंत करें ये काम