आईएएस अफसर नियाज खान ने इस संबंध में ट्वीट भी जारी करते हुए जानकारी दी है। इस दौरान उन्होंने ये साफ कर दिया कि, अब कभी भी वो इस शब्द का इस्तेमाल दोबारा से नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि, आईएएस होना मेरी रोजी – रोटी का एक जरिया मात्र है।
यह भी पढ़ें- महाकाल की शरण में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, भस्म आरती में हुए शामिल
नियाज खान ने किया ट्वीट
नियाज खान ने अपने ट्विटर हेंडल से IAS शब्द रिमूव करते हुए लिखा कि, मैंने अपने ट्विटर अकाउंट से IAS शब्द हटा दिया है, मैं इसे फिर कभी इस्तेमाल नहीं करूंगा, आईएएस मेरी रोजी-रोटी का एक जरिया मात्र है, मुझे लेखक और भारत के एक आम आदमी के रूप में जाना जाना बेहतर लगता है, मैं मीडिया से अनुरोध करता हूं कि, मुझसे संबंधित लेख प्रकाशित करते समय आईएएस के स्थान पर राइटर शब्द का प्रयोग करें।
यह भी पढ़ें- नियमों के उलट यहां मंदिर और स्कूल के पास खुल रही शराब दुकान, विरोध में जगह-जगह लगाए गए ये पोस्टर
कौन हैं नियाज खान ?
नियाज खान मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। वो कई विषयों पर किताबें भी लिख चुके हैं। नियाज अपने धर्म की हिंसक छवि को मिटाने के लिए भी रिसर्च कर रहे हैं। उनका मानना है कि इस्लाम के बदनाम होने के पीछे कई संगठनों की खराब छवि है। द कश्मीर फाइल्स की बहस में एक ट्वीट कर नियाज खान ज्यादा चर्चा में आए थे। नियाज खान अपने बेबाक ट्वीट्स और लिखने के कारण अक्सर चर्चाओं में रहते हैं।