भोपाल। मध्यप्रदेश में हुई 11 हजार 885 शिक्षकों की भर्ती के बाद बुधवार को सभी का पहला प्रशिक्षण शुरू हुआ। राजधानी के सीएम हाउस में हुए इस आयोजन में बड़ी संख्या में प्रदेशभर से नवनियुक्त शिक्षक आए थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रमुख रूप से इस कार्यक्रम में मौजूद थे। वहीं स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार शाजापुर से वर्चुअल जुड़े।
मुख्यमंत्री निवास में बुधवार को नवनियुक्त शिक्षकों का प्रशिक्षण शुरू हुआ। एक दिवसीय इस प्रशिक्षण में मुख्यमंत्री खुद शिक्षकों को मोटिवेट कर रहे हैं।
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11.14 AM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आनलाइन जुड़े। दिल्ली से उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया।
11.13 AM
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बड़ा ऐलान…। सभी नवनियुक्त शिक्षकों को दूसरे साल से ही मिलेगा 100 फीसदी वेतन।
11.11 AM
दूसरे साल से ही 100 फीसदी सैलरी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उदाहरणों से कम वेतन की बात कही। चौहान ने कहा कि हमने सभी का वेतन 40 से 50 हजार के बीच लेकर आए। पिछली सरकार ने जो गलती की थी पहले साल 70 फीसदी वेतन, दूसरे साल 80 फीसदी, तीसरे साल 90 फीसदी, फिर चौथे साल से 100 फीसदी वेतन देने का फैसला किया था। लेकिन हमने इसमें थोड़ा सा सुधार कर दिया है। पहले साल 70 फीसदी, दूसरे साल 100 प्रतिशत सैलरी दी जाएगी।
11.00 AM
चौहान ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान देना, कौशल देना, नागरिकता के संस्कार देना। ज्ञान देने का मतलब है कि पीढ़ियों के ज्ञान को नई पीढ़ी को ट्रांसफर कर दो। बच्चों को इतना कुशल बनाना कि उसे रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें नहीं खाए। इसी लिए हम 6वीं क्लास से व्यावसायिक शिक्षा भी देंगे। साथ ही बेटियों के प्रति अच्छे भाव रखना भी सिखाना चाहिए।
10.56 AM
बच्चों को बदलना हो तो पहले स्वयं को बदलों
चौहान ने कहा कि हम ऐसे बच्चों का निर्माण कर दें। जो प्रदेश ही नहीं देश का नाम रौशन कर दें। बच्चे गीली माटी की तरह होते हैं, जैसा मोड़ देंगे, वैसे बन जाएंगे। आप दुनिया बदल सकते हो। आप एक तरफ देखते हैं गदर मचाने वाले बच्चे, नशा करने वाले बच्चे, समाज को नुकसान पहुंचाते हैं। परिवार को परेशान करते हैं। दूसरी तरफ बच्चों को एनसीसी जैसी गतिविधियों में लगा देंगे तो वैसे बन जाएंगे। चौहान ने कहा कि आपको बच्चों को बदलना है तो पहले स्वयं को बदलना होगा। शिक्षकों को भी नशे से दूर रहना चाहिए। आप आचरण से सिखा सकते हैं, भाषण से नहीं सिखा सकते। मुझे भरोसा है कि आप नया भारत गढ़ोगे। आपने यदि अच्छे ईमानदार, कर्मण, देशभक्त बच्चे गढ़ दिए तो भारत बनेगा या नहीं। भारत बनकर खड़ा हो जाएगा। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि शिक्षा ऐसी जो मनुष्य को मनुष्य बना दे।
10.54 AM
तीन मजदूरों का किस्सा बताया
एक गांव में मंदिर का निर्माण हो रहा था, तीन मजदूर तपती दोपहरी में पत्थर तोड़ रहे थे। हाल बेहाल हो रहे थे। एक साधू उस गांव से गुजरे तो तीनों मजदूरों को देखा और ठिठकर रुक गए। उन्होंने मजदूर से पूछा कि क्या कर रहे हो। मजदूर ने गुस्से से देखा, आंख फूट गई है, गर्मी में पत्थर फोड़ रहा हूं, दिख नहीं रहा है। दूसरे मजदूर से पूछा, उसका चेहरा अपेक्षाकृत शांत था, उसने कहा कि दुनिया में आए हैं तो जीना पड़ेगा। तीसरे मजदूर से पूछा तो मजदूर के होठों पर मुस्कान थी। पसीने की बूंदें थी। मजदूर ने कहा कि सामने मंदिर बन रहा है और मेरे हाथों के टूटे हुए पत्थर मंदिर के निर्माण में लगेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन मजदूर हैं और भाव भी तीन है।
10.52 AM
चौहान ने कहा कि एक तो फार्मली पढ़ाते जाओ, एक भाव होता है कि 10 से 5 तक पढ़ाओ। आजीविका का सवाल है कि हमें पढ़ाना है। चौहान ने कहा कि आप लोग हजारों में एक हैं। आप भावी पीढ़ि का निर्माण करें। जीवन में संकल्प लेकर काम करें। काम करने के पीछे अलग-अलग दृष्टिकोण होते हैं।
10.52 AM
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदीजी के संकल्प के कारण नई शिक्षा नीति भारत में आई है और हम उसी के तहत पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग को भी बधाई कि इस नीति को जल्द से जल्द लागू कर दिया। पहले नेशनल अचीवर्स सर्वे में हम 17वें नंबर पर थे, अब पांचवे नंबर पर पहुंच गए हैं।
10.47 AM
अपने गुरू के बारे में बताया
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी गुरुओं को अपने गुरू के बारे में बताया। चौहान ने कहा कि मैं आज जो कुछ भी हूं, अपने गुरू रतन चंद जैन जी की वजह से हूं, जिन्होंने मुझे पहली दूसरी, चौथी में पढ़ाया। उन्होंने मुझे जोर से बोलना सिखाया, बाद में इतने जोर से बोलना शुरू किया कि मेरे जैसा कोई पाठ पढ़कर नहीं सुना पाता था। मेरे गुरू ने मुझे बोलना सिखाया। इतना बोलना सिखा दिया कि आज तक बोल रहा हूं।
10.45 pm
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गुरुओं ने विचार नहीं इतिहास ही बदल दिया। दो प्रकार की बातें हो सकती है। एक चलो यार नौकरी लग गई, जिंदगी अच्छी कटेगी। अब रोटी की चिंता नहीं, एक बात यह भी हो सकता है। रोजगार महत्वपूर्ण है। लेकिन, यह रोजगार नहीं है। यह प्रोफेशन नहीं है। हमारा काम है एक मिशन का काम है। हम बड़े उद्देश्य की पूर्ति के लिए हम लोग गुरु हैं शिक्षक हैं।
10.43 AM
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संबोधन शुरू। सबसे पहले सीएम ने सभी गुरुओं को प्रणाम किया। मुख्यमंत्री सभी नवनियुक्त शिक्षकों को मोटिवेशन टिप्स दे रहे हैं।
10.38 AM
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए।
10.30 AM
शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षक अपने परिश्रम से सबकुछ कर सकता है। सभी को बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए काम करना है। आप ही हैं जो बच्चों का भविष्य बनाते हैं।
10.28 AM
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का संबोधन शुरू।
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