कठोतिया जंगल
कठोतिया घने जंगलों के बीच में स्थित है, जो 65 से अधिक शैलाश्रयों से युक्त है, जिनमें से कुछ दस हजार साल पुराने हैं। यहां पर सुंदर विविध वनक्षेत्र, पारंपरिक भोजन, शैल चित्र और नवाबी शिकारगाह आदि खास है।सरू-मारू मठ
सरू-मारू बेहद प्राचीन मठ परिसर है, जिसमें बौद्ध धर्म से संबंधित चिह्न देखने को मिलते हैं। यह जगह सीहोर जिले की बुधनी तहसील के पंगोरिया गांव में है। यहां सम्राट अशोक का पांचवां शिलालेख है।उदयगिरि की गुफाएं
विदिशा के पास उदयगिरि की गुफाएं हैं। यह गुफाएं 5वीं शताब्दी के शुरुआती दौर की हैं, जिन्हें चट्टानों को काटकर बनाया गया है। इन गुफाओं में ङ्क्षहदू धर्म से जुड़े कई धार्मिक चिह्न देखने को मिलते हैं। गुफाओं में मिले शिलालेखों से पता चलता है।नरसिंहगढ़ किला
भोपाल से 80-90 किमी दूर नरसिंहगढ़ का किला अपने अंदर कई राज समाए हुए है। यहीं चिड़ी खो वन्यजीव अभ्यारण्य भी है। वहीं श्याम जी शाखा मंदिर है, सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। ये भी पढ़ें: MP Tourism: टूरिस्ट की पहली पसंद बने MP के टाइगर रिजर्व, अब भोपाल से होगा खास अट्रेक्शन, ये है वजह ये भी पढ़ें: टूरिस्ट से गुलजार हुआ एमपी का मिनी कश्मीर, सर्द मौसम में फेस्टिव वीक, यहां नए साल का डबल मजा