भोपाल

परिवार सहित पुडुचेरी में छुट्टी मनाएंगे मुख्यमंत्री शिवराज, नववर्ष में करेंगे साईं बाबा के दर्शन

हर साल की तरह इस बार भी परिवार संग छुट्टियां बिताएंगे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान…।

भोपालDec 28, 2022 / 01:52 pm

Manish Gite

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नया वर्ष पुडुचेरी में मनाने जा रहे हैं। वहीं हर साल की तरह इस साल भी परिवार के साथ शिर्डी में रहेंगे। मुख्यमंत्री परिवार सहित 28 दिसंबर को रवाना हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 6 दिन की यात्रा पर बुधवार को रवाना हो रहे हैं। वे परिवार के साथ साल के अंत में छुट्टियां बिताएंगे। मुख्यमंत्री के साथ पत्नी साधना सिंह, पुत्र कार्तिकेय और कुणाल भी साथ जा रहे हैं। मुख्यमंत्री अपनी या्रा के दौरान पुडुचेरी और शिर्डी में जाएंगे। इससे कुछ दिन पहले शिवराज सिंह परिवार के साथ हैदराबाद के चिन्ना जियर आश्रम गए थे। दर्शन के बाद वे तिरुपति बालाजी भी गए थे।

 

कई मंत्री भी धार्मिक यात्रा पर

मध्यप्रदेश के कई मंत्री विधायक भी परिवार सहित धार्मिक यात्रा पर गए हुए हैं। संघ और भाजपा से जुड़े कई नेता वैसे तो गुड़ी पड़वा पर नया साल मनाते हैं, लेकिन स्कूलों की छुट्टी और पर्यटन का माहौल देख कई नेता इन दिनों छुट्टियों पर हैं।

 

चौरागढ़ पहुंची साधना सिंह

इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह ने पचमढ़ी पहुंचकर चौरागढ़ महादेव के दर्शन किए। साधना सिंह ने वहां की खड़ी चढ़ाई आसानी से पूरी कर ली। वहां पहुंचकर साधना सिंह ने त्रिशूल भी चढ़ाया। यह बात स्वयं मुख्यमंत्री ने प्रशासन अकादमी आयोजित कार्यक्रम में बताई थी। चौहान विज्ञान और अध्याम पर संबोधन दे रहे थे। चौहान ने कहा कि यदि आपके अंदर जबर्दस्त तड़प है, कुछ करने की इच्छा शक्ति है, तो आपके शरीर से वैसे ही रसायन निकलने लगते हैं। वे आपको काम करने की शक्ति देते हैं।

चौहान ने कहा कि यदि इसको छोटे से उदाहरण से समझाना चाहूं तो आप यदि वैष्णोदेवी श्रद्धा से भरकर जाते हैं, तो 14 किमी ऊंचे पहाड़ पर चढ़ जाते हैं। छोटे-छोटे बच्चे भी चढ़ जाते हैं। चौहान ने पत्नी साधना सिंह का भी उदाहरण पेश करते हुएकहा कि साधना सिंह सोमवार को पचमढ़ी गई थीं और वहां उनके मन मे भाव आया कि मुझे चौरागढ़ जाना है। चौरागढ़ की खड़ी सीढ़ियां हैं। मैं दिल्ली में फोन से कह रहा था कि मत जाना, घुटने में दर्द होता है तुम्हारे, लेकिन वह अड़ गईं मैं तो जाऊंगी और त्रिशूल चढ़ाकर आऊंगी। उस समय घुटने का दर्द पता नहीं चला, वह चढ़ गईं और मुझे फोन कर बताया कि मैं तो चढ़ गई। यदि आपके अंदर इच्छाशक्ति है तो आप पहाड़ भी चढ़ सकते हो। यही विज्ञान है। आपके अंदर ऐसे रसायन उत्पन्न होने लगते हैं तो आपको बड़े से बड़ा काम करने की प्रेरणा देते हैं।

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