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आयुष्मान कार्ड से इलाज के लिए नई व्यवस्था लागू

Ayushman Card: आयुष्मान कार्ड में दलाली के खुलासे के बाद बदलने जा रही व्यवस्था, पढ़ें पूरी खबर..

भोपालNov 28, 2024 / 10:12 am

Sanjana Kumar

Ayushman Card: आयुष्मान कार्ड में दलाली का खेल ऐसा कि दिल का मरीज है तो कमिशन 25 हजार फिक्स है। इसका भुगतान आयुष्मान कार्ड धारक मरीज को निजी अस्पताल की एंबुलेंस में बैठाने पर हो जाता है। कमिशन की शुरुआत 10 हजार से होती है। इसका खुलासा हमीदिया अस्पताल में मंगलवार को पकड़े गए 8 दलालों से पूछ ताछ के दौरान हुआ। इनके 25 से 35 हजार प्रति मरीज कमिशन तय है। दलालों के पास से हमीदिया प्रबंधन ने कुल 17 निजी अस्पतालों के आइडी कार्ड व विजिटिंग कार्ड भी बरामद किए हैं।

30 फीसदी मरीज हो रहे शिकार

हमीदिया में आयुष्मान की कन्वर्जन दर सिर्फ 45 फीसदी है। यानी इलाज के लिए आए एक सौ आयुष्मान कार्ड धारकों में से सिर्फ 45 का ही अस्पताल में पूरा इलाज हुआ। इनके अलावा अस्पताल के पास 15 फीसदी ऐसे मरीजों का आंकड़ा है, जिनका आयुष्मान रिजेक्ट हो गया। वहीं, अब तक 30 फीसदी मरीज कहां गायब हो गए। विभागीय बैठक में इस सवाल पर कई बार प्रबंधन ने इस नेक्सेस को जिम्मेदार बताया था। लेकिन कोई ठोस सबूत ना होने पर यह वैलिड रीजन नहीं माना जाता था।

108 के ड्राइवर और कर्मी भी लूट में शामिल

जानकारी के अनुसार इस खेल में एंबुलेंस 108 के कुछ ड्राइवर और सहायक कर्मी भी शामिल हैं। यह मरीज और परिजन को पूरे रास्ते सरकारी अस्पताल में इलाज ना कराने के लिए डराते हैं। इसके बाद सरकारी अस्पताल में मरीज के नाम का एडमिशन पर्चा बनवाते हैं लेकिन मरीज को भर्ती नहीं कराते। इसके बाद अस्पताल से बहार निकल कर निजी एंबुलेंस में शिफ्ट कर देते हैं, जिससे रिकॉर्ड में यह दर्ज हो कि 108 ने मरीज को सरकारी में ही भर्ती कराया।

अब पहले भर्ती होगा मरीज फिर बनेगा पर्चा

108 एंबुलेंस से सीधे मरीज को निजी अस्पताल में छोडऩे पर प्रति किमी के हिसाब शुल्क चुकाना होता है। साथ ही स्टाफ को एप्रूवल लेना पड़ता है। इससे बचने ड्राइवर और सहायक कर्मी मरीज का रजिस्ट्रेशन सरकारी में कराते हैं। इस खेल को रोकने के लिए अब हमीदिया अस्पताल में एंबुलेंस से आने वाले मरीज को पहले भर्ती किया जाएगा। इसके बाद ही पर्चा बनेगा।

पूछताछ की जा रही है

हमीदिया अस्पताल के सिक्योरिटी गार्ड की सूचना पर तीन लोगों को बुलाकर पूछताछ की जा रही है। पीड़ितों की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

– बृजेन्द्र मर्सकोले, थाना प्रभारी, कोहेफिजा

सुरक्षित इलाज मुहैया कराना, हमारी प्राथमिकता

डॉ. जीवन सिंह मीणा की अगुवाई में एक टीम तैयार की गई है। इसमें सिक्युरिटी के ऑपरेशन मैनेजर जयंत भारद्वाज और उनकी टीम को भी लगाया गया है। मरीजों को सुरक्षित इलाज मुहैया कराना, हमारी प्राथमिकता है।
– डॉ. सुनीत टंडन, अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल

पहले मरीज भर्ती होगा, उसके बाद होगा पेपर वर्क

हमारे किसी स्टाफ को नहीं पकड़ा गया है। हमीदिया प्रबंधन के साथ अब नया नियम बनाया गया है। पहले मरीज भर्ती होगा, उसके बाद ही उसका पेपर वर्क किया जाएगा।
– तरुण ङ्क्षसह परिहार, सीनियर मैनेजर, 108 एंबुलेंस

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