स्कूल, कॉलेज, कामकाजी महिलाएं, सैनिकों के परिवारों के सदस्य समेत अन्य को किराये में मामूली छूट देने पर भी विचार किया जा रहा है। सरकारी लोक परिवहन सेवा शुरू करने की जून 2024 से जारी कवायद नई परिवहन नीति में बदल गई है। प्रस्तावित नीति को जल्द कैबिनेट में लाने की तैयारी है, क्योंकि फरवरी में बसें चलाने वाली कंपनियों के गठन की प्रक्रिया शुरू की जानी है।
बता दें कि प्रदेश के पास खुद की परिवहन सेवा थी, जिसे 2005 में बंद कर दिया था। रूट 1100 तक मोहन सरकार 1100 रूटों पर बस चलाने की तैयारी कर रही है। इनमें एक से दूसरे राज्य, राजधानी से संभाग, जिला, तहसील मुख्यालय के रूट शामिल है। परिवहन नीति आने के बाद इनकी संंया में और बढ़ोतरी होगी। सरकार ऐसे लोगों को सुविधा देने की तैयारी कर रही है, जहां आवागमन के साधनों की बेहद जरूरत है, लेकिन उन लोगों की कमाई ठीक-ठाक नहीं है।
पत्रिका ने उठाया था जनसरोकार
पत्रिका ने मप्र में बिगड़े लोक परिवहन सिस्टम को सबसे पहले बेनकाम किया और बताया कि कमाई के रूटों पर जबरदस्त प्रतिस्पर्धा है, लेकिन जहां कमाई कम होने की संभावना है, वहां कई ऑपरेटर बसें ही नहीं उतार रहे हैं। इन सबसे अलग जो बसें चलाईं जा रही हैं वे खटारा है, जो जानलेवा साबित हो रही हैं। पत्रिका ने सभी तथ्यों को सिलसिलेवार लाया, जिनकी वजह से प्रदेशवासी परेशान है।
जहां ऑपरेटर नहीं वहां सरकार चलाएगी बसें
सरकार रूटों को नीलाम करेगी, निजी ऑपरेटर इन पर बसें चलाएंगे। सूत्रों के मुताबिक जिन रूटों पर ऑपरेटर रूचि नहीं लेंगे, सरकार उसे खाली नहीं छोड़ेगी, बल्कि खुद बसों की खरीदी करके, ऐसे रूटों पर लोक परिवहन सेवा शुरू करेगी।
जिलों से वापस ली जाएगी निगम की जमीन
नई परिवहन नीति में सड़क परिवहन निगम की पुरानी जमीन को वापस लेने के प्रावधान होंगे। ये जमीनें संबंधित जिलों के अधीन है, जो बस अड्डों के उपयोग के लिए दी थीं, लेकिन समय के साथ कई जिलों ने इनका अलग-अलग उपयोग कर लिया है। ऐसे जिलों को जमीनें लौटाने में पसीने छूटने तय है।
नई नीति में ये भी होगा
आठ कंपनियां बनाई जाएंगी, इनमें एक मुख्य व बाकी संभागीय कंपनियां होंगी, जो बस चलवाने की व्यवस्थाओं की निगरानी करेंगी। निगरानी समितियां भी गठित की जाएंगी। ऑनलाइन टिकट बुकिंग सुविधा, मोबाइल ऐप, बस ट्रैकिंग जैसे टेनोलॉजी ह्रश्वलेटफॉर्म उपयोग में लाए जाएंगे। स्मार्ट कार्ड जारी होंगे। बसों में ऑनलाइन व्यवस्था के तहत ऑक्युपेंसी देखने की सुविधा होगी। चिह्नित रूट्स को अधिसूचित किया जाएगा।