देश में मोटरयान (संशोधित) अधिनियम 2019 नए प्रावधानों और संशोधनों के साथ लागू किया गया है। जल्द ही इसे गजट नोटिफिकेशन में जारी करते ही लागू कर दिया जाएगा। प्रदेश के परिवहन आयुक्त शैलेंद्र श्रीवास्तव ने सभी आरटीओ को इसके लिए पत्र लिखा है। साथ ही यह भी कहा है कि सभी आरटीओ अपने-अपने क्षेत्रों में इसका प्रचार-प्रसार कर वाहन चालकों को और सभी डीलर्स को जागरूक करें। इसके अलावा अधिनियम में कुछ नए नियम भी जोड़े गए हैं।
यह हैं प्रावधान
-धारा 40 में संशोधन के बाद वाहन स्वामी जिस राज्य में निवास करता है या कारोबार करता है, उस राज्य के किसी भी पंजीयन प्राधिकारी से वाहन पंजीकृत करवा सकता है।
-धारा 41 में संशोधन के बाद यदि वाहन उसी राज्य में पंजीकृत होना है, जिस राज्य में डीलर स्थित है, तो आवेदन डीलर को करना होगा। इसके अलावा पंजीयन के बगैर डीलर वाहन मालिक को नहीं सौंप सकता।
-नई धारा 110A में विनिर्माता द्वारा खराब वाहन वापस लिए जाने के प्रावधान हैं तथा खराब वाहन वापस लिए जाने की स्थिति में विनिर्माता की ओर से वाहन क्रेता को या तो वाहन की पूरी कीमत अदा करना होगी या खराब वाहन के बदले उसी किस्म या उससे उत्कृष्ट किस्म का दूसरा वाहन देना होगा।
-धारा 182A में संशोधन के बाद यदि डीलर ऐसा वाहन बेचता है जो नियमानुसार निर्मित नहीं है तो वह एक वर्ष तक के कारावास या एक लाख रुपए प्रति वाहन के अर्थ दंडया दोनों का भागी होगा।
-यदि विनिर्माता वाहनों का निर्माण नियमानुसार नहीं करता है तो वह एक वर्ष तक के कारावास या 100 करोड़ रुपए के अर्थ दंड या दोनों का भागी होगा।
-यदि वाहन स्वामी नियम विरुद्ध वाहन में कोई परिवर्तन करता है, तो वह 6 माह तक के कारावास या पांच हजार रुपए प्रति परिवर्तन के अर्थ दंड या दोनों का भागी होगा।
नई धारा 182B में यह है खास
-यदि पंजीयन प्राधिकारी वाहन के लिए नियमानुसार निर्धारित चौ़ड़ाई, ऊंचाई, लंबाई, ओवरहेंग तथा लदान क्षमता के उल्लंघन में वाहन पंजीयन करता है या कोई भी प्राधिकारी या प्राधिकृत टेस्टिंग स्टेशन अनफिट वाहन को फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करता है तो वह पांच हजार रुपए से लेकर 10 हजार रुपए के अर्थ दंड का भागी होगा।
नई धारा 192B में यह है खास
यदि वाहन बगैर पंजीयन के उपयोग किया जाता है तो ऐसे वाहन स्वामी की ओर से, वाहन के वार्षिक कर का 5 गुना या एक तिहाई जीवनकाल का जो भी ज्यादा हो दंड स्वरूप देय होगा।
-यदि डीलर की ओर से वाहन पंजीकृत कराए बगैर वाहन स्वामी को प्रदत्त की जाती है तो ऐसे वाहन डीलर पर वाहन के वार्षिक कर का 15 गुना या जीवनकाल कर जो भी ज्यादा हो दंड स्वरूप देना होगा।
-यदि वाहन स्वामी या डीलर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वाहन का पंजीयन करवाता है या वाहन पर लिखे इंजन नंबर या चेसिस नंबर पंजीयन प्रमाण में दर्ज नंबरों से भिन्न है, तो वह छह माह से 1 वर्ष तक के कारावास तथा वाहन पर देय वार्षिक कर का 10 गुना या दो तिहाई जीवनकाल कर जो भी ज्यादा हो का भागी होगा।
यह भी है अधिनियम में
मोटर व्हीकल (संशोधित) बिल 2019 के तहत लागू हुए ये नए कानून -धारा 178 के तहत अब बिना टिकट यात्रा करने पर 500 रुपये जुर्माना देना होगा।
-धारा 179 के तहत ऑथोरिटीज के आदेश नहीं मानने पर अब 2000 रुपये जुर्माना देना होगा।
-धारा 181 में बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर 5000 रुपये जुर्माना देना होगा।
-धारा 182 में अयोग्य होने के बाद भी वाहन चलाने पर 10,000 रुपये जुर्माना देना होगा।
-धारा 183 में अब ओवरस्पीडिंग 1000 रुपये जुर्माना LMV के लिए। 2000 रुपए जुर्माना MPV के लिए।
-धारा 184 में खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर अब 5000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा।
-धारा 185 में अब शराब पीकर वाहन चलाने पर 10,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
-धारा 189 के तहत अब स्पीडिंग/रेसिंग पर 5000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
-धारा 1921 A के तहत अब बिना परमिट वाला वाहन चलाने पर 10,000 रुपये तक के जुर्माना देना होगा।
-धारा 193 के तहत लाइसेंस नियमों को तोड़ने पर 25,000 से 1 लाख रु तक के जुर्माने का प्रावधान है।
-धारा 194 के तहत ओवरलोडिंग 2000 रुपए और प्रति टन 1000 रुपए अतिरिक्त 20,000 और प्रति टन पर 2000 रुपए अतिरिक्त जुर्माना।
-धारा 194 A के तहत अब ओवरलोडिंग 1000 रुपए प्रति एक्स्ट्रा पैसेंजर।
-धारा 194B के तहत अब सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 1000 रुपए का जुर्माना देना होगा।
-धारा 194C में स्कूटर और बाइक पर ओवरलोडिंग पर 2000 रुपए तक का जुर्माना और 3 माह के लिए लाइसेंस रद्द।
-धारा 196 में अब बिना बीमा (इंश्योरेंस) वाला वाहन चलाने पर 2000 रुपए का जुर्माना देना होगा।
-धारा 199 में अब नाबालिगों के अपराध के मामले में अभिभावक को दोषी माना जाएगा। 3 साल तक की सजा का प्रावधान है। नाबालिग पर जुवेलाइन एक्ट के तहत केस चलेगा, वाहन का रजिस्ट्रेशन भी कैंसल किया जाएगा।
-धारा 194D में बिना हेलमेट के 1000 रुपए तक का जुर्माना और 3 माह के लिए लाइसेंस रद्द हो सकता है।
-धारा 194E में अब एंबुलेंस या इमरजेंसी वाहनों को रास्ता न देने पर दस हजार रुपए का जुर्माना।
-धारा 183, 184, 185, 189, 190, 194C, 194D, 194E के तहत ड्राइविंग लायसेंस सस्पेंड करने का अधिकार दिया गया है।