शैलेंद्र चौहान @ भोपाल। बिजली की बचत के नाम पर एलईडी बल्ब खरीदी में बड़ा घोटाला हुआ है। आदिम जाति कल्याण विभाग के लिए उपभोक्ता संघ के माध्यम से एलईडी बल्ब और ट्यूबलाइट्स की खरीद हुई। इसके लिए बाजार में मिलने वाले 600 रुपए के बल्ब 1700 रुपए में खरीदे गए हैं। यानी तीन गुना कीमत चुकाकर विभाग ने इन्हें सात शहरों को भेजा है। प्रारंभिक तौर पर अभी 1.60 करोड़ रुपए की गड़बड़ी सामने आई है। जबकि बाकी जिलों में दूसरे माध्यमों से खरीदी हुई है। सप्लाई करने वाली फर्मों को भुगतान भी कर दिया गया है। जांच में खुलासा घपले का खुलासा उपभोक्ता संघ की विशेष कर्तव्यस्थ और जांच अधिकारी सुरक्षि वाष्र्णेय की रिपोर्ट में हुआ है जो उन्होंने 18 मार्च को भेजी थी। पिछले महीने खरीदी में घोटाले की शिकायतों के बाद सरकार ने जांच बैठाई थी। जिन्होंने टेंडर नहीं भरा उनसे भी खरीदी मामले में बड़ी कम्पनियों से खरीदी हुई है, जिसमें टेंडर की शर्तों का भी उल्लंघन हुआ। हद तो यह है कि टेंडर में जिन फर्मों का नाम नहीं था, उनसे भी खरीदी हुई। उपभोक्ता संघ की शाखा भोपाल और ग्वालियर के माध्यम से प्रदेश में इंदौर, राजगढ़, गुना, छतरपुर, आगर, शाजापुर और छिंदवाड़ा में 1 करोड़ 59 लाख 20 हजार 345 रुपए के एलईडी बल्ब और ट्यूबलाइट्स खरीदे गए। यह पांच फर्म के माध्यम से सप्लाई हुए हैं। यह फर्म नॉन टेंडरिंग के रूप में रजिस्टर्ड थी। इन्हें भुगतान भी हो चुका है। तीन अफसर दोषी ग्वालियर के प्रबंधक राधेश्याम शर्मा ने आगर-मालवा में 26 लाख 31 हजार 355 रु.की खरीदी कर सप्लाय की। भोपाल के पूर्व प्रबंधक रणमतसिंह ने राजगढ़, आगर और छतरपुर में 43 लाख 67 हजार 870 रुपए की खरीदी की। इसी तरह भोपाल के वर्तमान प्रबंधक विजयकांत दुबे ने 89 लाख 21 हजार 120 रु. की सामाग्री इंदौर, शाजापुर और छिंदवाड़ा में भेजी है। रिपोर्ट में तीनों अफसरों को घोर लापरवाही और अनियमितता का दोषी पाकर कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। सीधे हो गया भुगतान रिपोर्ट कहती है कि नॉन टेंडरिंग से नियमों के परे खरीदी हुई है। सप्लायर्स बीडी ट्रेडर्स को सप्लाय का अधिकार नहीं था। उसका रजिस्टे्रशन नहीं मिला। केश मेमो जनरल गुड्स सप्लायर्स का लगा दिया। गुप्ता एंटरप्राइजेस ने कहा वह सिस्का एलईडी का डिस्ट्रीब्यूटर है। नॉन टेंडरिंग से व्यवसाय किया है। स्वास्तिक एनर्जी, इंदौर ने वस्तु को डील करने का नहीं बताया। यह फर्म अधिकृत नहीं मिली। ओम इंटरप्राइजेस, भोपाल ने केवल सर्टिफिकेट से सूर्या का डीलर्स बताया है। डीलर्स को भुगतान भी सीधे कर दिए गए। इनका कहना है… विभाग में एलईडी की खरीदारी की जानकारी नहीं है। उपभोक्ता संघ ने जांच बैठाई है तो दिखवाएंगे। – बीआर नायडू, प्रमुख सचिव आदिम जाति