भोपाल. मध्य प्रदेश ने 23 साल बाद बिजली के मामले में बड़े बदलाव की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। अब यहां बिजली का स्मार्ट स्वरूप देखने को मिलेगा। सरकार ने स्मार्ट बिजली का रोडमैप तैयार कर लिया है। राज्य में साल 1998-99 में मैन्युअल बिजली मीटर की जगह इलेक्ट्रॉनिक मीटर आए थे। अब 23 साल बाद इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल की भी विदाई कर एडवांस स्मार्ट मीटर लाना तय किया गया है।
आधुनिक मध्य प्रदेश के लिए सरकार ने जो प्लान तैयार किया है, उसमें घर-घर जाकर मीटर रीडिंग का सिस्टम खत्म हो जाएगा। स्मार्ट मीटरों के जरिए एक क्लिक में बिजली कनेक्शन कट जाएगा। ट्रांसफॉर्मर जलने पर भी बिजली नहीं जाएगी। 24 घंटे बिजली मिले, इसके लिए 36 हजार मेगाबॉट तक की स्टोरेज कैपेसिटी रखी जाएगी।
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स्मार्ट बदलाव के पांच प्रमुख स्टेज
-एडवांस स्मार्ट मीटर
3.50 लाख स्मार्ट मीटर खरीदने के लिए टेंडर हो गए हैं। केंद्र सरकार से 23 लाख मीटर के लिए मदद मांगी है। मीटर रीडिंग सेंट्रल सर्वर से ली जाएगी। मोबाइल सिम की तरह ये मीटर फुलप्रूफ रहेगा, जिससे खपत को ऑटो-रिकॉर्ड किया जाएगा।
-36 हजार मेगावॉट बिजली और स्टोरेज भी
बिजली महकमा 26 हजार मेगावॉट बिजली आपूर्ति और 36 हजार मेगावॉट की जरूरत के हिसाब से काम कर रहा है। इसमें सौर ऊर्जा की करीब 5 हजार मेगावॉट से ज्यादा बिजली रहेगी। धीरे धीरे थर्मल बिजली को कम किया जाएगा। इससे कोयले की कमी की समस्या खत्म हो सकेगी।
-प्रीपेड और पोस्टपेड
सरकार एडवांस स्मार्ट मीटर में प्रीपेड और पोस्ट पेड दोनों सिस्टम लाने जा रही है। प्रीपेड मीटर में जितना पैसा देंगे, उतनी बिजली मिलेगी। उपभोक्ता प्रीपेड को पोस्ट पेड तो पोस्ट पेड को प्रीपेड में शिफ्ट कर सकते हैं। इसके लिए उपभोक्ता का रिकॉर्ड देखा जाएगा।
-मल्टीपल ऑटोशिफ्टिंग
आंधी-बारिश या किसी अन्य कारण से ट्रांसफॉर्मर फेल हो जाने पर बिजली खुद ब खुद दूसरे ट्रांसफॉर्मर पर शिफ्ट हो जाएगी। इसके लिए मल्टीपल ऑटोशिफ्टिंग मोड लगाने की तैयारी की गई है। वायरिंग सुरक्षा के लिए भी नई तकनीक अपनाई जाएगी।
-पोर्टेबिलिटी सिस्टम
एडवांस स्मार्ट मीटर की अगली स्टेज पोर्टेबिलिटी रहेगी। इसमें एक बिजली कंपनी परिक्षेत्र में उपभोक्ता चाहेगा तो दूसरी किसी भी निजी कंपनी से बिजली ले सकेगा। इसके लिए आने वाले दिनों में अलग से नियम तैयार किए जाएंगे।
क्या कहते हैं जिम्मेदार?
इस संबंध में ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने बताया कि, भविष्य के हिसाब से रोडमैप तैयार किया गया है। नई व्यवस्थाओं के तहत मीटर का पूरा सिस्टम बदला जाएगा।
कुछ खास बातें
-मध्य प्रदेश में हैं 1.29 करोड़ बिजली उपभोक्ता
-प्रदेश से मिलता है 39 हजार करोड़ का राजस्व
-23 लाख मीटरों की खरीदी के लिए कैंद्र सरकार से मांगी मदद
-6 हजार रुपये होगी स्मार्ट मीटर की कीमत
-दो से ढाई हजार का पड़ता है मौजूदा समय में आने वाला मीटर
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