जिससे लोगों पर महंगाई डायन की मार ज्यादा पडऩे लगी है। इस माह अब एक मध्यम वर्गीय परिवार पर 450 से 550 रुपए का अतिरिक्त आर्थिक भार बढ़ेग। उसे पहले जो 800 रुपए तक का बिल जारी किया जाता था। वह बढ़कर अब 1350 रुपए तक हो जाएगा। नए टेरिफ में 51 से 100 यूनिट की बजाए 51 से 150 यूनिट खपत पर 4.95 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिल जारी होंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विद्युत नियामक आयोग द्वारा तय किए गए नए टेरिफ प्लान ( Electricity tariff ) को इसी माह से लागू कर दिया गया है। इसका असर अगस्त महीने से लाइट के बिलों पर निश्चित रूप से पडऩे लगेगा। शहर के 45 हजार और गुना सर्कल के 3 लाख से अधिक बिजली कनेक्शनधारियों को अगस्त के बिल बढ़ी हुई राशि के मिलेंगे।
नए टेरिफ प्लान के तहत लोगों को 50 यूनिट तक 3.40 रुपए प्रति यूनिट की बजाय अब 4.05 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिल का भुगतान करना होगा। उसे प्रति यूनिट 65 पैसे ज्यादा देना होंगे। पहले ही लोगों को महंगी बिजली का भुगतान करना पड़ रहा है।
बताया जाता है कि इसके पूर्व बिजली कंपनी ने गर्मी का हवाला देते हुए मई-जून व जुलाई माह के बिल 400 से 550 यूनिट तक के बिल जारी कर दिए थे। उसके बाद अब लोगों को बढ़े हुए टेरिफ के अनुसार बिल जारी किए जाएंगे। बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि नई दरें इसी माह से लागू हो गई है। लोगों को नए टैरिफ प्लान बिल जारी किए जा रहे हैंं।
ये हुए नए बदलाव
नया टेरिफ 150 यूनिट तक अगले महीने से मिलने वाले बिल में बदलाव किया गया है। बिल में 51 से 100 यूनिट की बजाए अब 51 से 150 यूनिट का टेरिफ कर दिया गया है। उपभोक्ता 51 से 150 यूनिट तक बिजली का उपयोग करता है तो उसे 4.95 रुपए की दर से बिल जारी होंगे। पहले 51 से 100 यूनिट का टैरिफ था जिसमें 4.05 रुपए की दर निर्धारित थी।
आंकलित खपत से उपभोक्ता परेशान
बताया जाता है शहर और ग्रामीण के हजारों उपभोक्ता ऐसे हैं जो बिजली कंपनी की आंकलित खपत की मीटर सही होने के बाद भी मार सह रहे हैं। बिजली कंपनी के अधिकारी चोरी रोक पाने में अक्षम अधिकारी उक्त चोरी की भरपाई ईमानदार उपभोक्ताओं के बिलों में आकलित खपत लगाकर कर रहे हैं। आकलित खपत को हटाने पहुंचे उपभोक्ताओं की बिजली कंपनी के कार्यालय में कोई भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं।
बताया जाता है शहर और ग्रामीण के हजारों उपभोक्ता ऐसे हैं जो बिजली कंपनी की आंकलित खपत की मीटर सही होने के बाद भी मार सह रहे हैं। बिजली कंपनी के अधिकारी चोरी रोक पाने में अक्षम अधिकारी उक्त चोरी की भरपाई ईमानदार उपभोक्ताओं के बिलों में आकलित खपत लगाकर कर रहे हैं। आकलित खपत को हटाने पहुंचे उपभोक्ताओं की बिजली कंपनी के कार्यालय में कोई भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं।
इनका कहना है
नए टेरिफ प्लान अभी जारी नहीं किया है, अगस्त महीने से लागू किया जाने के आदेश हैं, मीटर सही है फिर भी बिलों में आंकलित खपत लगाई जा रही है, तो उसको दिखवाया जाएगा, जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कार्रवाई करेंगे।
– एसपी दुबे एसई गुना सर्कल बिजली कंपनी
नए टेरिफ प्लान अभी जारी नहीं किया है, अगस्त महीने से लागू किया जाने के आदेश हैं, मीटर सही है फिर भी बिलों में आंकलित खपत लगाई जा रही है, तो उसको दिखवाया जाएगा, जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कार्रवाई करेंगे।
– एसपी दुबे एसई गुना सर्कल बिजली कंपनी
इधर, हाइटेंशन लाइन से अब तक 10 लोगों की जा चुकी है जान :
वहीं दूसरी ओर गुना नगर के वार्ड क्रमांक 28 में रहने वाले लोग बीते काफी समय से हाइटेंशन लाइन से परेशान हैं। क्योंकि यह लाइन उनके घरों के बिल्कुल नजदीक से निकली है। जिससे हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है।
वहीं दूसरी ओर गुना नगर के वार्ड क्रमांक 28 में रहने वाले लोग बीते काफी समय से हाइटेंशन लाइन से परेशान हैं। क्योंकि यह लाइन उनके घरों के बिल्कुल नजदीक से निकली है। जिससे हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है।
यही नहीं अब तक बीते सालों में वार्ड में करीब 10 लोग हाइटेंशन का शिकार होकर अपनी जान गवां चुके हैं। इन घटनाओं में राष्ट्रपति के परिवार का सदस्य भी शामिल है। इसके बावजूद बिजली कंपनी ने आज तक हाइटेंशन लाइन को हटाने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है।
जानकारी के मुताबिक रेलवे स्टेशन रोड पर बिजली कंपनी का कार्यालय स्थित है। इसी परिसर में पावर हाउस भी है। जहां से गांव के लिए हाइटेंशन लाइन निकली है। जो शहर के वार्ड क्रमांक 28 में बसी घनी बस्ती के ऊपर से निकली है। चिंताजनक पहलु यह है कि हाइटेेंशन लाइन के तार लोगों के घरों के बिल्कुल नजदीक से होकर गए हैं। जिससे हर समय गंभीर दुर्घटना का आशंका बनी रहती है।
यही नहीं बीते सालों में एक नहीं बल्कि 10 लोग इसी हाइटेंशन लाइन का शिकार होकर असमय ही काल के गाल में समां चुके हैं। लेकिन अभी तक न तो बिजली कंपनी ने और न ही प्रशासन ने आमजन को दुर्घटना से बचाने कोई वैकल्पिक कदम उठाया है। यही वजह है कि इस क्षेत्र में दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी है। निखिल और छोटू ने बताया, राष्ट्रपति के भाई का परिवार आदर्श कॉलोनी में वर्षों से निवास कर रहा है।
बीते कुछ साल पहले परिवार के ही एक बच्चे की करंट लगने से मौत हो चुकी है। इसके अलावा शहर में कई कॉलोनियां ऐसी हैं जहां घरों के बीच में से हाइटेंशन लाइन निकली हैं। इन हाइटेंशन लाइनों को हटाने के लिए कई बार पत्राचार बिजली कंपनी के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि भी कर चुके हैं।
तीन-तीन हाइटेंशन लाइन गुजरीं
वार्ड 28 के घोसीपुरा व आदर्श कॉलोनी से होकर एक नहीं बल्कि तीन हाइटेंशन लाइन गुजरी हैं। कॉलोनी में कई मकान तो ऐसे हैं जिनकी छत व गैलरी में लगे टीनशेड से विद्युत लाइन के बीच की दूरी मात्र एक से दो फीट ही होगी। लोगों को सबसे ज्यादा डर बारिश के समय में रहता है।
वार्ड 28 के घोसीपुरा व आदर्श कॉलोनी से होकर एक नहीं बल्कि तीन हाइटेंशन लाइन गुजरी हैं। कॉलोनी में कई मकान तो ऐसे हैं जिनकी छत व गैलरी में लगे टीनशेड से विद्युत लाइन के बीच की दूरी मात्र एक से दो फीट ही होगी। लोगों को सबसे ज्यादा डर बारिश के समय में रहता है।
नहीं बना पाए दूसरी मंजिल
घोसीपुरा क्षेत्र में रहने वाले ऐसे कई लोग हैं जो आज तक अपने घरों पर दूसरी मंजिल खड़ी नहीं कर पाएं हैं। क्योंकि हाइटेंशन लाइन उनकी छत के बिल्कुल नजदीक से ही गुजरी है। जिससे न सिर्फ भवन मालिक दूसरी मंजिल नहीं बना पा रहे हैं। बल्कि अपने घर की छत पर नहीं जा पाते।
घोसीपुरा क्षेत्र में रहने वाले ऐसे कई लोग हैं जो आज तक अपने घरों पर दूसरी मंजिल खड़ी नहीं कर पाएं हैं। क्योंकि हाइटेंशन लाइन उनकी छत के बिल्कुल नजदीक से ही गुजरी है। जिससे न सिर्फ भवन मालिक दूसरी मंजिल नहीं बना पा रहे हैं। बल्कि अपने घर की छत पर नहीं जा पाते।
हाइटेंशन लाइन को लेकर यह है गाइडलाइन
बिजली कंपनी ने हाइटेंशन लाइन से सुरक्षा के मद्देनजर गाइडलाइन जारी की है। जिसके तहत हाइटेंशन लाइन से मकान की छत की दूरी, जमीन से लाइन की दूरी सहित कई मापदंड तय किए हैं। जिसके अनुसार छत से हाईटेंशन लाइन 2.5 मीटर ऊपर होना जरूरी है। जिसका पालन नहीं हो रहा है।
बिजली कंपनी ने हाइटेंशन लाइन से सुरक्षा के मद्देनजर गाइडलाइन जारी की है। जिसके तहत हाइटेंशन लाइन से मकान की छत की दूरी, जमीन से लाइन की दूरी सहित कई मापदंड तय किए हैं। जिसके अनुसार छत से हाईटेंशन लाइन 2.5 मीटर ऊपर होना जरूरी है। जिसका पालन नहीं हो रहा है।
जिस समय हाइटेंशन लाइन निकली थी उस समय वहां कोई मकान नहीं थे। बाद में मकान बना लिए हैं इसलिए यह समस्या पैदा हुई है। नियमानुसार घर गलत बनाए हैं। घनी आबादी वाला क्षेत्र होने से लाइन शिफ्ट करने वैकल्पिक जगह नहीं मिल रही है।
– अमितेश अर्श, एई मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी गुना
– अमितेश अर्श, एई मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी गुना